
खास बात ये है कि इस चरण में बड़ी संख्या में युवा चुनाव लड़ रहे हैं। चालीस वर्ष की आयु तक के प्रत्याशियों की संख्या 85 है। एनसी और पीडीपी ने ‘अनुच्छेद 370’ को भावनाओं से जोड़कर मुद्दा बनाने का प्रयास किया है। भाजपा ने ‘शांति, स्थिरता और विकास’ का नारा देखकर घोषणा पत्र के वादों के प्रचार पर जोर दिया। पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा सभी प्रमुख दल कर रहे हैं। जम्मू संभाग में भाजपा पिछले चुनाव से दस ज्यादा यानी 35 सीटें जीतने का टारगेट लेकर चल रही है। कांग्रेस उसे इस आंकड़े से आगे बढ़ने से रोकने के जतन में है। जम्मू संभाग में भाजपा का प्रभाव ज्यादा दिखा। भाजपा ने घाटी में कुछ सीटों पर भले ही प्रत्याशी खड़े किए हैं लेकिन जोर जम्मू पर है। गुज्जर बकरवाल और पहाड़ी मुसलमानों को एसटी में शामिल किए जाने का लाभ भाजपा को मिल सकता है।