जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के चुनाव से पहले तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम ने राजनीतिक दलों की बेचैनी बढ़ा दी है। पहले से जहां जमात-ए-इस्लामी की पर्दे के पीछे रह कर घाटी के कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन की खबरों ने खास कर नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी की नींद उड़ा रखी थी वहीं अब जेल में बंद बारामुला के निर्दलीय सांसद इंजीनियर शेख अब्दुल राशिद के अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद के तेवरों ने भाजपा को भी अचरज में डाल दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल उभर कर सामने आया है कि नतीजों के बाद राज्य में सरकार के गठन को लेकर क्या समीकरण बनेंगे।
कांग्रेस और पीडीपी इंजीनियर राशिद की भाजपा से साठगांठ का आरोप पहले से लगा रहे थे। चुनाव से ऐन पहले उनकी जेल से रिहाई ने इनकी आशंका को सही साबित कर दिया। हालांकि इंजीनियर राशिद ने रिहाई के बाद बारामुला पहुंच कर रैली में जो भाषण दिया, उससे भाजपा आलाकमान भी आश्चर्य में है। राशिद ने अपने भाषण में न केवल प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बल्कि इंडिया गठबंधन को भी निशाने पर ले लिया। इंजीनयिर राशिद ने यह कह कर इंडिया गठबंधन के लिए भी परेशानी खड़ी कर दी है कि इंडिया अलायंस घोषणा कर दे कि केंद्र में अलायंस की सरकार आने पर कश्मीर में धारा 370 बहाल कर दी जाएगी तो वे अपने सारे वोट इंडिया अलायंस के प्रत्याशियों को दिलवा देंगे। ऐसे में राजनीतिक हालात चुनाव नजदीक आने के साथ ही और उलझते दिखाई पड़ रहे हैं। दरअसल आठ सीटों के नतीजे सरकार के गठन में खासे अहम साबित होने वाले हैं। जम्मू रीजन की इन आठ सीटों में से 5 डोडा पश्चिम, रामबन, किश्तवाड़, पड्डेर नागसनी और इंदरवाल पर कांग्रेस-एनसी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं, जबकि 3 डोडा, भदरवाह और बनिहाल में दोनों फ्रेंडली फाइट में है।