रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल ने मामले की सूचना अभिभावकों को देने में देरी की। इसके अलावा, जिस अस्पताल में लड़कियों का इलाज किया गया, वहां चिकित्सा देखभाल देने में ही 12 घंटे लगा दिए गए। आरोपी अक्षय शिंदे की पृष्ठभूमि की बिना जांच किए उसे काम पर रख लिया गया।
महाराष्ट्र के बदलापुर की एक स्कूल में 3 और 4 साल की दो मासूमों के यौन उत्पीड़न के मामले में राज्य की ओर से गठित दो सदस्यीय समिति ने अपने शुरुआती निष्कर्षों में कहा है कि बच्चियों का एक बार नहीं, 15 दिनों में कई बार यौन शोषण किया गया। वहीं, महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट के हड़ताल पर जाने की मनाही वाले फैसले के बाद शनिवार को प्रस्तावित महाराष्ट्र बंद का आह्वान वापस ले लिया है।