जिले के अंतर्गत आने वाली महू तहसील समीप ग्राम चोरल में शुक्रवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया है। यहां एक निर्माणाधीन फॉर्म हाउस की छत भरभराकर गिरने से करीब 6 मजदूरों के मलबे में दबने की खबर सामने आई है। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने प्रशासनिक अमले की सहायता से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु करा दिया है। मलबे के नीचे दबे मजदूरों को निकालने के प्रयास चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे दबे सभी मजदूर इसी फॉर्म हाउस में काम करते हैं। इसी के चलते वे सभी रात से यहां सोए हुए थे।
स्थानीय लोगों की माने तो मलबे में दबे मजदूरों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है। यह भी जानकारी मिली है कि चोरल में इस फॉर्म हाउस में अवैध निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसे लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
दो-तीन दिन पहले ही डाली गई थी छत
फिलहाल, इमारत का मलबा हटाकर नीचे दबे मजदूरों का रेस्क्यू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि हादसे का शिकार होकर मलबे के नीचे दबने वाले मजदूरों का बच पाना काफी मुश्किल है। वहीं पुलिस के सूत्रों की मानें तो मलबे में दबे सभी मजदूरों की मौत हो चुकी है। क्योंकि छत अब भी उनपर पड़ी है। हालांकि, पुलिस की ओर से अबतक किसी बात की पुष्टि नहीं की गई है। बताया जाता है कि किसी ठेकेदार के जरिये ये मजदूर मध्य प्रदेश के बाहर से यहां लाए गए थे, जिन्होंने फॉर्म हाउस पर लोहे के एंगल पर छत डाली थी। छत दो- तीन दिन पहले भरी थी।
बड़ी संख्या में लोग मौके पर
मामले की जांच में जुटी सिमरोल पुलिस के जवान प्रशानिक अमले के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। मौके पर बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। इधर, घटना की जानकारी इलाके में आग की तरह फैल गई, जिसके चलते सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए थे।
7 मजदूरों के दबे होने की संभावना
ग्रामीण एसपी रूपेश द्विवेदी का कहना है कि मलबे में करीब 6 से 7 मजदूरों के दबे होने की संभावना है। छत का मलबा हटाने के लिए 3 से 4 क्रेन की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, भी सिर्फ 1 क्रेन ही मौके पर पहुंच सकी है। घटना स्थल पर एक हाइड्रा, 2 जेसीबी और एक पोकलेन पहुंची है। एसडीएम चरणजीत सिंह हुड्डा समेत जिले के लगभग सभी प्रशासनि अदिकारी मौके पर मौजूद हैं।