Monday, September 22

देश भर में 65 लाख से अधिक छात्र कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए !

शिक्षा मंत्रालय की दी गई जानकारी के अनुसार पिछले साल देश भर में 65 लाख से अधिक छात्र कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए। इन आंकडों से साफ है कि राज्य में बोर्डों में विफलता की दर अधिक थी। 56 राज्य बोर्डों और तीन राष्ट्रीय बोर्ड सहित 59 स्कूल बोर्ड के 10वीं और 12वीं के परिणामों के विश्लेषण से पता चला कि सरकारी स्कूलों से 12वीं कक्षा की परीक्षा में अधिक छात्राएं शामिल हुईं, लेकिन प्राइवेट स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में यह आंकड़ा उल्टा है। आंकड़ों के अनुसार, कक्षा 10वीं के लगभग 33.5 लाख छात्र अगली कक्षा में नहीं पहुंच रहे जबकि 5.5 लाख छात्र परीक्षा देने ही उपस्थित नहीं हुए और 28 लाख असफल रहे। इसी तरह 12वीं कक्षा के लगभग 32.4 लाख छात्र अगली कक्षा में नहीं पहुंचे। जबकि 5.2 लाख उपस्थित नहीं हुए और 27.2 लाख असफल रहे। प्रतिशत के तौर पर देखें तो 10वीं में सबसे अधिक 40 फीसदी से ज्यादा छात्र गुजरात बोर्ड के फेल हुए और 12वीं में मध्यप्रदेश बोर्ड के सबसे अधिक 40 फीसदी छात्र फेल हुए।

छात्रों से ज्यादा है छात्राओं में उत्तीर्ण होने की दर

वर्ष 2023 में 10वीं में 88 लाख 86 हजार छात्राओँ और 96 लाख 42 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। इसमें से 76 लाख 99 हजार छात्राएं पास हुईं और 80 लाख 35 हजार छात्र पास हुए। वहीं, 12वीं में 74 लाख 81 हजार छात्राओं और 80 लाख 20 हजार छात्रों ने परीक्षा दी, इसमें से 64 लाख 50 हजार छात्राएं और 63 लाख 34 हजार छात्र पास हुए।

सीबीएसई में पास होने की दर स्टेट बोर्ड से अधिक

कक्षा 10 में केंद्रीय बोर्ड में छात्रों की विफलता दर 6 प्रतिशत थी जबकि राज्य बोर्डों में यह 16 प्रतिशत से कहीं अधिक थी। 12वीं कक्षा में केंद्रीय बोर्ड में विफलता दर 13 प्रतिशत है जबकि राज्य बोर्ड में 18 प्रतिशत है। वहीं इन दोनों कक्षाओं में ओपन स्कूल का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। 10वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा गुजरात और मध्य प्रदेश बोर्ड में थी, जबकि 12वीं कक्षा में सबसे अधिक छात्रों के फेल होने की रिपोर्ट मध्य प्रदेश से रही।