मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में निवेशकों को आमंत्रित करने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी सिलसिले में अब अगली इन्वेस्ट एमपी-इंटरेक्शन सेशन का आयोजन अगस्त के महीने में बेंगलूरु में होने वाली है। इसमें प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश पर जोर रहेगा। इसके साथ अन्य उद्योगों को भी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका कार्यक्रम जबलपुर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में ही तय कर दिया था। इसके साथ जल्द ही रीवा और ग्वालियर में भी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन होंगे। इन आयोजनों में भी पूरे देश के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अबतक मुंबई, कोयंबटूर में उद्योगपतियों से चर्चा कर चुके हैं। मुंबई में 75 हजार करोड़, कोयंबटूर में 3500 करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। अब बेंगलूरु में उद्योगपतियों से चर्चा के लिए तैयारी चल रही है। इसमें इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, विज्ञान और तकनीक विभाग, स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भी तैयारी कर रहा है। हाल ही में कैबिनेट ने संशोधित आइटी पॉलिसी मंजूर की है। इसमें आइटी, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और निर्माण, ईएसडीएम यूनिट्स, डेटा सेंटर के लिए रियायतें दी गई हैं।
-एमपी के जीएसडीपी में आइटी/ आईटीईएस/ईएसडीएम क्षेत्र का योगदान 5 अरब डॉलर है।
-इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में सात सरकारी आइटी पार्क तैयार हो चुके हैं।
-शासकीय एजेंसियों द्वारा आइटी के लिए कुल विकसित क्षेत्र एक मिलियन वर्गफीट है।
-प्रदेश में टीसीएस, इन्फोसिस, यश टेक्नोलॉजी, इंपेटस के चार प्राइवेट एसईजेड बने।
-अभी प्रदेश में 50 से अधिक बड़ी आइटी कंपनियां कार्यरत हैं।
-प्रदेश में आइटी क्षेत्र में 2 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार।
-एमपीएसईडीसी द्वारा आइटी के लिए अतिरिक्त 5 लाख वर्गफीट क्षेत्र का विकास जारी।
-बेटमा (इंदौर) में 50 एकड़ में डेटा सेंटर पार्क ले रहा आकार।
-एमपीआइडीसी इंदौर में दो और आइटी पार्क क्रिस्टल पार्क-3, 4 भी विकसित कर रहा है।
-भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इंदौर में रक्षा क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बना रहा है।