क्या आप जानते हैं जाने-अनजाने रोजाना 0.65 म्यू ग्राम केमिकल फलों के जरिए खा रहे हैं। यह खुलासा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र चंद्राकर की रिसर्च में हुआ है।
सेहत बनाने के लिए फलों को बेहतर विकल्प माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं जाने-अनजाने रोजाना 0.65 म्यू ग्राम केमिकल फलों के जरिए खा रहे हैं। यह खुलासा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र चंद्राकर की रिसर्च में हुआ है। दरअसल, फलों को पकाने और उनकी सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए डीडीटी, इथरेल और जिब्रलिक का उपयोग धड़ल्ले से जारी है। यह केमिकल इतने खतरनाक हैं कि इनसे त्वचा की गंभीर बीमारियां हो सकती है।
Health Alert: तीस से अधिक पेस्टिसाइड
साइंटिफिक रिपोर्ट के मुताबिक बाजार में बिकने वाले सैकड़ों फलों में तीस से अधिक पेस्टीसाइड पाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सीमा के बाद यह पेस्टीसाइड का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बड़ी बीमारियों को न्योता देने जैसा होता है।
कई तरह के साइड इफेक्ट
- बच्चों में समय से पहले नजर के चश्मे लगना। एकाग्रता लेवल में कमी। कैंसर और अस्थमा का खतरा