हाल ही में पुणे में जीका वायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसने शहर में हड़कंप मचा दिया है।
हाल ही में पुणे में जीका वायरस के दो पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिसने शहर में हड़कंप मचा दिया है। बारिश के मौसम में डेंगू और हैजा जैसी बीमारियों के साथ-साथ जीका वायरस का भी खतरा बढ़ गया है। आइए जानते हैं इस वायरस के लक्षण और इससे बचाव के उपाय।
जीका वायरस एक मच्छर जनित बीमारी है, जो एडीज मच्छरों के काटने से फैलती है। ये वही मच्छर हैं जो डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, जीका वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति में एक हफ्ते के भीतर इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं, हालांकि कुछ मामलों में लक्षण दिखाई नहीं देते।
पुणे में 46 वर्षीय डॉक्टर और उनकी बेटी के जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। डॉक्टर को बुखार और शरीर पर चकत्ते निकलने जैसे लक्षण थे, जबकि उनकी बेटी को हल्का बुखार था। जब जांच के लिए उनके ब्लड सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए, तो जीका वायरस की पुष्टि हुई।
- साफ-सफाई: मच्छरों से बचाव के लिए अपने आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- घर बंद रखें: दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें ताकि मच्छर घर में प्रवेश न कर सकें।
- लंबी बाजू के कपड़े पहनें: शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- मच्छरदानी का प्रयोग करें: रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- बाहर निकलने से बचें: शाम के समय ज्यादा बाहर न निकलें।
- कचरे की सफाई: घर के आसपास जमा कचरे और पानी की नियमित सफाई करें।
- मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें: नैचुरल मॉस्किटो रिपेलेंट का उपयोग करें।
- प्रेग्नेंट महिलाएं सावधान रहें: गर्भवती महिलाएं मच्छरों के संपर्क में आने से बचें।
- ब्लड और यूरिन की जांच: अगर आपको जीका वायरस के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत ब्लड और यूरिन की जांच कराएं।