देश की मॉडर्न ट्रेन वंदे भारत (Vande Bharat) को बीएचईएल (BHEL) भोपाल में बनी ट्रैक्शन मोटर रफ्तार देगी। 16 कोच वाली वंदे भारत के 8 कोच में 4-4 मोटर लगेंगे। इन मोटरों की बदौलत ही ट्रेन 160 से 176 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ेगी।
अलग-अलग पांच यूनिट में तैयार हो रही वंदे भारत का निर्माण BHEL अपने तीन यूनिट में कर रहा है। मदर यूनिट भोपाल में ट्रैक्शन मोटर, बेंगलूरु में पावर कंट्रोल सिस्टम और झांसी में ट्रांसफॉर्मर बनाए जा रहे हैं। टीटागढ़ में बोगी बन रही है तो चेन्नई में टेस्टिंग हो रही है। तय समय पर इसकी डिलेवरी रेलवे को दी जाएगी।
कहां-क्या बन रहा
BHEL बेंगलूरु: यहां बन रहे कंट्रोल सिस्टम से ट्रेनों के संचालन से लेकर उनका नियंत्रण हो सकेगा।टीटागढ़ बैगन्स: यहां बन रहे कोच विश्वस्तरीय होंगे। इसमें लंबी दूरी के लिए एसी शयनयान कोच भी होंगे।
चेन्नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री: यहां ट्रेन का ट्रायल होगा।
भेल को बनानी हैं 80 ट्रेन
बीएचईएल भोपाल यूनिट में चार पोल और थ्री फेस इंडेक्शन वाला ट्रैक्शन मोटर तैयार हो रहा है। इसका परीक्षण सफल रहा।
BHEL को 80 ट्रेनें बनानी हैं। 640 कोचों में 2560 ट्रैक्शन मोटर लगेंगे।
-विनोदानंद झा, अपर महाप्रबंधक, भेल, भोपाल