Wednesday, September 24

भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस दो हिस्सों में टूट गई, यात्रियों में मची अफरा-तफरी

मध्यप्रदेश के भोपाल से जोधपुर जाने वाली ट्रेन बीना के पास हादसे का शिकार हो गई। इस ट्रेन की कपलिंग अचानक टूट गई थी और ट्रेन दो हिस्सों में हो गई थी। यह देख कई यात्री घबरा गए और चलती ट्रेन से कूदने लगे। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन बड़ा हादसा जरूर टल गया है। घटना की सूचना मिलते ही रेल विभाग में हड़कंप मच गया था, करीब 50 मिनट देरी से यह ट्रेन रवाना हो सकी।

दरअसल, भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस (14814 BPL JU EXPRESS Train Route) रवाना होने के बाद जब बीना के पास महादेवखेड़ी रेलवे स्टेशन (mahadeokhedi railway station) पहुंचने वाली थी, तभी रात को ट्रेन की कपलिंग टूट गई, जिससे ट्रेन दो भागों में दौड़ने लगी। जोर की आवाज और तेज झटके के कारण कई यात्री घबरा गए और चलती ट्रेन से कूदने की कोशिश करने लगे। हालांकि ट्रेन की रफ्तार धीमी होने के कारण यात्रियों को चोट नहीं आई है, लेकिन काफी देर तक यात्री दहशत में रहे। रात 8 बजे यह घटना हुई, जब यह ट्रेन मुंगावली की तरफ जा रही।

तेज आवाज के साथ लगा जोरदार झटका

यह ट्रेन जब 8.30 बजे महादेवखेड़ी होम सिग्नल के पास पहुंची ही थी कि अचानक जोरदार आवाज के साथ दो डिब्बे को जोडऩे वाली कपलिंग टूट गई, इससे ट्रेन दो हिस्सों में अलग-अलग हो गई और आगे का हिस्सा करीब चालीस फीट आगे निकल गया। गनीमत रही कि इस दौरान ट्रेन धीमी गति से चल रही थी, नहीं तो बड़ा हादसा होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता था।

झटका लगने के बाद जब ट्रेनन रुकी, तो यात्री नीचे उतरे, तब पता चला कि ट्रेन की कपलिंग टूटी है और उन्होंने राहत की सांस ली। इस दौरान कई यात्री चलती ट्रेन से कूद भी गए थे, हालांकि उन्हें चोट नहीं लगी। इसके बाद स्टेशन पर मौजूद स्टाफ ने कपलिंग को जोडऩे का काम किया। सुधार कार्य में अधिकारियों को करीब पचास मिनट का समय लग गया और फिर ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया जा सका।
ट्रैक सुधार कार्य के दौरान बीना-अशोकनगर रेलमार्ग पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान इस ट्रैक से कोई भी ट्रेन नहीं निकाली गई। कार्य पूरा होने के बाद जब ट्रेन को आगे बढ़ाया गया, तो उसके बाद ही ट्रैक पर आवागमन शुरू हो पाया।

दो माह में दूसरी घटना

इससे पहले इसी स्टेशन के पास मालगाड़ी में आग लग चुकी है। कुछ दिनों पहले महादेवखेड़ी-सेमरखेड़ी के पास ही एक कोयला से भरी मालगाड़ी के इंजन में अचानक आग लग गई थी, जिसे करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया जा सका था। दो माह के अंदर यहां पर यह दूसरा रेल हादसा हुआ है।