राष्ट्रपति भवन के प्रांगन (फोरकोर्ट) को भव्य तरीके से सजाया गया है। फोरकोर्ट में ही तैयार हुए विशेष मंच से मोदी तीसरी बार शपथ लेंगे। इससे पहले, नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि सदैव अटल और महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
पड़ोसी प्रथम की झलक
भारत की पड़ोसी प्रथम नीति और सागर विजन की दृष्टि से नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, सेशेल्स और माॅरीशस के नेताओं को राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के निमंत्रण पत्र भेजा गया है। इन देशों के दो राष्ट्रपति, एक उपराष्ट्रपति और चार प्रधानमंत्री शामिल होंगे।
आठ हजार मेहमान
पिछली बार की तरह इस बार भी 8000 मेहमान ऐतिहासिक आयोजन के लिए आमंत्रित किए गए हैं। 2014 में जब से मोदी सत्ता में आए तब से उन्होंने शपथ समारोह में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित की। समाज के हर वर्ग के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी बुलाया जाने लगा।
तीन स्तरीय सुरक्षा
राष्ट्रपति भवन की थ्री लेयर सुरक्षा होगी। बाहर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। अर्धसैनिक बल की पांच कंपनियां और राष्ट्रपति भवन की आंतरिक सुरक्षा के जवान तैनात रहेंगे। दिल्ली पुलिस के स्वाट और एनएसजी के कमांडो, ड्रोन और स्नाइपर अहम स्थानों के आसपास तैनात रहेंगे।
होटलों में रुकेंगे मेहमान
रंगबिरंगी लाइटों से लेकर मेहमानों के स्वागत के लिए लाल कालीन भी बिछाए गए हैं। विदेशी मेहमानों को राजधानी के ताज, लीला, आइटीसी मौर्या, क्लेरिजस और ओबेरॉय होटल में विदेशी मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इन होटलों को भी कड़ी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।
ये विदेशी नेता शामिल होंगे
रानिल विक्रमसिंघे – श्रीलंका के राष्ट्रपति
डॉ. मोहम्मद मुइज्जू – मालदीव के राष्ट्रपति
शेख हसीना – बांग्लादेश प्रधानमंत्री
पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ – नेपाल पीएम
प्रविंद कुमार जुगनुथ – मॉरीशस के प्रधान मंत्री
शेरिंग टोबगे – भूटान पीएम
अहमद अफीक – सेशेल्स के उपराष्ट्रपति