Thursday, September 25

एमपी में आंगनवाड़ी भर्ती पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सरकार की मनमानी पर दिखाई सख्ती

एमपी में जबलपुर हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी भर्ती पर बड़ा फैसला सुनाया है। आंगनवाड़ी में नियुक्यिों के मामले में सरकार की मनमानी पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। आंगनबाड़ी की नियुक्ति से जुड़े एक मामले में राज्य सरकार द्वारा जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। एक महिला अभ्यर्थी ने याचिका दायर कर आंगनबाड़ी की नियुक्तियों में मनमानी का आरोप लगाया था। मामले में नोटिस के बाद भी सरकार ने जवाब नहीं दिया। इस पर जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने सरकार पर जुर्माना लगा दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यह मामला 13 साल से लंबित है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने सरकार के इस रुख पर आपत्ति जताते हुए कड़ी टिप्पणी की। इसी के साथ सरकार पर 50 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है। तीन दिन में यह राशि लीगल सेल अथॉरिटी में जमा करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा, इतने वर्षो में भी जवाब पेशन न करना सरकार की उदासीनता को बताता है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मामले में अगली पेशी में 30 मई को रखी गई है। इस मामले में अब सीधी कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं।
यह मामला सीधी जिले में आंगनबाड़ी भर्ती का है। महिला अभ्यर्थी ने सन 2011 में दायर याचिका में सरकार पर नियुक्तियों में मनमानी का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया, मामला 13 साल से लंबित है। नोटिस के बाद भी सरकार ने जवाब नहीं दिया। 9 जनवरी 2013 को जवाब देने का समय दिया था।
सुनवाई के बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने कहा, इतने सालों में भी जवाब नहीं देना सरकार की उदासीनता को बताता है। यह बर्दाश्त योग्य नहीं है।