Thursday, September 25

ब्रिटेन में चुनाव से रूक सकता है भारत के साथ व्यापार

ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने जल्द चुनाव की घोषणा किए जाने से भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते यानी FTA को अपने दौर में आने में देरी हो सकती है। भारत लोेकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के बाद नई सरकार के गठन के साथ ही जुलाई में ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद कर रहा था। सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि ब्रिटेन में जल्दी चुनाव कराने की घोषणा से व्यापार करार में और देरी होगी। इस अहम व्यापार करार पर वार्ता 2022 में शुरू हुई थी। इसे उसी साल दीवाली तक पूरा करने का लक्ष्य था। मगर ब्रिटेन के तत्कालीन पीएम बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की वजह से करार नहीं हो पाया। हालांकि सुनक (Rishi Sunak) के कार्यकाल के दौरान दोनों पक्षों ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की मगर द्विपक्षीय निवेश संधि, द्विपक्षीय सामाजिक सुरक्षा समझौता और कार्बन बॉर्डर कर जैसे मसलों का अभी पूरी तरह से समाधान नहीं हो पाया है।

लेबर पार्टी से पिछड़ रही सुनक का दल

सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी जनमत सर्वेक्षणों में कीर स्टारमर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी के मुकाबले करीब 20 फीसदी पीछे चल रही है। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि (UK Elections 2024) ब्रिटेन में मुद्रास्फीति अप्रैल में 2.3 फीसदी तक घट गई थी। सुनक इस संदेश के साथ कंजर्वेटिव पार्टी के निराशाजनक आंकड़ों को पलटने की उम्मीद कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था अब एक मोड़ पर खड़ी है।

लेबर पार्टी भी रही है एफटीए की समर्थक

यूरोपियन सेंटर फॉर इंटरनैशनल पॉलिटिकल इकॉनमी (ईसीआईपीई) में यूके ट्रेड पॉलिसी प्रोजेक्ट के निदेशक डेविड हेनिग ने कहा कि जनता के बीच लेबर पार्टी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का समर्थन करती रही है। इसे जारी रखने के लिए सरकार में भी उन पर दबाव की उम्मीद की जा सकती है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ऊंचे शुल्क वाले भरत जैसे देश के साथ मुक्त व्यापार करार से ब्रिटेन के उत्पादों की बाजार तक तत्काल पहुंच होगी।