Sunday, September 28

UPSC में 236वीं रैंक से टॉपर कैसे बने आदित्य श्रीवास्तव?: बोले- भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि टॉप 70 के अंदर रैंक दिला दीजिए

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले आदित्य श्रीवास्तव ने देश की सबसे कठिन यूपीएससी आईएएस परीक्षा 2023 को टॉप किया है। अभी वह हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहे हैं। 2022 में उनका आईपीएस में चयन हुआ था। लेकिन अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने कीर्तिमान स्थापित कर दिया। ऐसे में आदित्य श्रीवास्तव ने खुलासा किया कि 236वीं रैंक से पहली रैंक तक पहुंचने के लिए उन्होंने पिछले वर्ष से अलग क्या किया?

पिछली गलतियों को पहचाना और उसमें सुधार किया

आदित्य श्रीवास्तव ने कहा कि मेरा यह तीसरा प्रयास था। काफी मेहनत करनी पड़ी। मैंने लगातार अपनी पिछली गलतियों को पहचाना और उसमें सुधार किया। इसके कारण यह सफर थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। सामान्य अध्ययन 1 और 4 की तरह, मैंने उस कारण की पहचान की, जिसके कारण मेरी रैंक पिछली बार कम आई थी। इसकी वजह से मुझे रैंक 236 से रैंक एक तक पहुंचने में आसानी हुई।

स्मार्ट वर्क पर करें फोकस
उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनाई गई टेक्निक का भी खुलासा किया। कहा कि कड़ी मेहनत के अलावा स्मार्ट वर्क पर भी फोकस करना चाहिए। पिछले साल के पेपर्स का ठीक ढंग से एनालिसिस किया। उनके पैटर्न को आईडेंटिफाई किया। अपनी गलतियों को सुधारने पर मेरा फोकस रहा। जो गलतियां की थीं, उन्हें दोहराया नहीं। इस तरह मेरा बेड़ा पार लग गया। और सबसे बड़ी बात कि किसी का भी बेड़ा पार लग सकता है।

उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वालों को अपनी सलाह भी दी। कहा कि आत्म-प्रेरणा और निरंतरता इसे सफल करने की कुंजी है।

परिवार के साथ होटल में करूंगा डिनर
आदित्य श्रीवास्तव ने कहा कि जब परिणाम घोषित हुए तो वह घबरा गए थे। उन्होंने कहा कि मैं प्रार्थना कर रहा था कि कृपया मुझे शीर्ष 70 में पहुंचा दें। और जब मैंने परिणाम देखा, तो मैं खुश हो गया। अब मैं छुट्टियों में घर लखनऊ जाऊंगा। पूरे परिवार के साथ होटल में डिनर करूंगा।

आगे क्या करेंगे आदित्य श्रीवास्तव?
आईएएस टॉपर आदित्य ने अपना फ्यूचर प्लान भी बताया। कहा कि जब वह अपना पद संभालेंगे तो उनका पहला काम उन सभी योजनाओं को लागू करना होगा जो सरकार अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार लोगों के लिए बना रही है। इसके बाद, अगर मुझे सार्वजनिक नीति निर्माण के स्तर पर मौका मिलता है, तो मैं बच्चों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहूंगा।

आदित्य श्रीवास्तव ने अपनी उपलब्धि के लिए अपने माता-पिता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, उनकी वजह से हूं। उन्होंने कहा कि जब उन्हें पहली बार खबर मिली तो वे थोड़े भावुक हो गए और बाद में खुश हो गए।