
कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद रायबरेली लोकसभा सीट खाली हो गई है। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि रायबरेली से गांधी परिवार का ही सदस्य चुनाव लड़ेगा, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कहा जा रहा है कि गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दूसरी ओर रायबरेली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनावी समर में उतारने की मांग तेज है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने रायबरेली से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की हरी झंडी भी दे दी है। हालांकि, इसकी अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।
प्रियंका के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को यूपी में मिलेगी संजीवनी
प्रियंका गांधी के मैदान में आने से प्रदेश में कांग्रेस को निश्चित ही संजीवनी मिलेगी, लेकिन भाजपा ने भी अभी तक रायबरेली से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद गांधी परिवार ने रायबरेली के लोगों से दूरी बनाए रखी। बीते पांच सालों में सोनिया गांधी का कई बार कार्यक्रम आया, लेकिन फिर रद्द भी हो गया। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
प्रियंका गांधी के मैदान में आने से प्रदेश में कांग्रेस को निश्चित ही संजीवनी मिलेगी, लेकिन भाजपा ने भी अभी तक रायबरेली से अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद गांधी परिवार ने रायबरेली के लोगों से दूरी बनाए रखी। बीते पांच सालों में सोनिया गांधी का कई बार कार्यक्रम आया, लेकिन फिर रद्द भी हो गया। ऐसे में इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
रायबरेली से ताल ठोकेंगी प्रियंका तो बीजेपी लगा सकती है स्थानीय पर दांव
रायबरेली संसदीय सीट पर चर्चा है कि यदि प्रियंका गांधी चुनाव में उतरती हैं तो भाजपा स्थानीय प्रत्याशी पर दांव लगा सकती है। दिनेश प्रताप सिंह पिछला चुनाव लड़ चुके हैं और विधायक डॉ. मनोज पांडेय भाजपा के लिए मजबूत स्तंभ बन गए हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों से अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं हुई है।