Wednesday, September 24

बीते दो चुनावों से निर्णायक साबित हो रही महिला मतदाता, संदेशखाली के बहाने देश की महिलाओं को साधने की कोशिश

एक प्रवासी मजदूर की पत्नी, अकेले घर की देहरी लांघना भी जिसके लिए कभी बड़ी उपलब्धि रही होगी, वह आज दबंग अपराधियों के खिलाफ ब्रांड एम्बेसडर बन गई है। बात हो रही है संदेशखाली से भाजपा प्रत्याशी रेखा पात्रा की। रेखा ने संदेशखाली की उत्पीड़ित महिलाओं का नेतृत्व करके न सिर्फ आरोपियों को अंजाम तक पहुंचाने का काम किया, उत्पीड़ित महिलाओं का चेहरा भी बन गईं। भाजपा ने परिस्थितियों को भांपते हुए रेखा को बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाकर न केवल संदेशखाली की पीड़िताओं बल्कि देशभर में महिलाओं को अपने पक्ष में लामबंद करने का दांव चला है। तृणमूल कांग्रेस के लिए पहले आसान समझी जा रही बशीरहाट सीट रेखा की दावेदारी के बाद रोचक मुकाबले में फंस गई है।

इसी दौरान आंदोलन को नेतृत्व देकर रेखा ने देशभर की महिलाओं को भी संदेश दिया था कि किसी भी हाल में महिलाएं कमजोर नहीं हैं। बरसों से शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के आतंक को झेल रही महिलाओं के आंदोलन को जिस तरह से रेखा सड़क तक लाईं, उसने देशभर की महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। महिला मतदाताओं की नब्ज भांपकर भाजपा ने भी बशीरहाट लोकसभा सीट से रेखा पात्रा पर दांव लगाया। संदेशखाली क्षेत्र बशीरहाट लोकसभा सीट का ही हिस्सा है और रेखा की उम्मीदवारी से पहले तक यह सीट तृणमूल कांग्रेस के लिए आसान समझी जा रही थी।

देशभर में जाएगा संदेश
भाजपा का मानना है कि रेखा को टिकट देकर देशभर की महिला मतदाताओं को साधना आसान हो जाएगा। बीते दो लोकसभा चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि महिला और युवा मतदाता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएसपी रहे हैं। संदेशखाली का संदेश महिलाओं तक पहुंच गया तो भाजपा की राह और आसान हो जाएगी। पश्चिम बंगाल में हालांकि महिला मतदाताओं का झुकाव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति है, लेकिन भाजपा को लगता है कि संदेशखाली की रेखा प्रदेश की महिलाओं के ममता बनर्जी के प्रति प्रेम की मिठास को कम कर पाएगी। असलियत तो परिणाम ही बताएंगे।

प्रधानमंत्री से बातचीत का असर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह रेखा पात्रा से फोन पर बात की और उसे सोशल मीडिया पर रिलीज किया गया, उसका असर चुनावों पर पडऩा तय माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में दो लोकसभा सीटों बशीरहाट और कृष्णनगर की प्रत्याशियों रेखा पात्रा और राजमाता अमृता रॉय से फोन पर बातचीत ही नहीं की, रणनीति के तहत उस बातचीत को सोशल मीडिया पर रिलीज भी किया गया। यह महिला मतदाताओं को साधने का प्रयास था।

पुलिस को करनी पड़ी कार्रवाई
रेखा ने यौन शोषण के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाई थी। उन्होंने महिला मजिस्ट्रेट के समक्ष कैमरे के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। इसका असर यह हुआ कि अन्य पीड़िताओं ने भी शाहजहां शेख के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उसकी गिरफ्तारी की मांग की। दबाव बढ़ता देख पुलिस ने कार्रवाई की।