Sunday, September 28

किसानों ने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर निकाला कैंडल मार्च, चुनाव के ऐलान के बाद भी जारी रह सकता है आंदोलन!

आंदोलनकारी किसानों ने अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों के समर्थन में शनिवार शाम को पंजाब और हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमाओं पर कैंडललाइट मार्च निकाला।

आंदोलनकारी किसानों ने अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों के समर्थन में शनिवार शाम को पंजाब और हरियाणा की अंतरराज्यीय सीमाओं पर कैंडललाइट मार्च निकाला। वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी उनका विरोध जारी रह सकता है। राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च 13 फरवरी को रोके जाने के बाद से किसानों की भीड़ हरियाणा से लगती पंजाब की खनौरी और शंभू सीमाओं पर खुले आसमान के नीचे डेरा डाले हुए है। पंधेर ने कहा है कि वह 29 फरवरी को अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेंगे।

शुभकरण सिंह का परिवार भी कैंडल मार्च में शामिल

मृतक किसान शुभकरण सिंह का परिवार भी कैंडल मार्च के लिए अन्य किसान नेताओं के साथ खनौरी बॉर्डर पर था। बीकेयू नौजवान के अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि आज हमने शुभकरण सिंह और आंदोलन के अन्य शहीदों की याद में कैंडल मार्च बुलाया है। कल हम शंभू और खनौरी दोनों सीमाओं पर सेमिनार आयोजित करेंगे ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके कि डब्ल्यूटीओ उन्हें कैसे प्रभावित कर रहा है।

29 फरवरी को होगा किसानों का आगे का ऐलान

किसान नेता ने कहा, डब्ल्यूटीओ या वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाजेशन को उखाड़ फेंकना और भारत को वैश्विक व्यापार संगठन से बाहर करना महत्वपूर्ण है। किसान नेता कोहाड़ ने कहा कि 26 फरवरी को हम डब्ल्यूटीओ का पुतला जलाएंगे और फिर एसकेएम अराजनीतिक और अन्य कृषि संघ एक बैठक करेंगे। 29 फरवरी को हम आंदोलन के लिए भावी आह्वान करेंगे। मसलन, 29 फरवरी तक किसानों ने अपने दिल्ली कूच को स्थगित कर रखा है।