Wednesday, September 24

आंखों के बिना पास कर ली PSC परीक्षा, दुनिया के लिए बनीं मिसाल

पोस्ट ग्रेजुएट हैं सृष्टि, एमपीपीएससी में मिली सफलता, 2023 अगस्त में इंटरव्यू हुआ, 25 जनवरी को मिला नियुक्ति पत्र…>

मेरा यकीन, हौसला, किरदार देखकर…मंजिल करीब आ गई रफ्तार देखकर… एक कविता की ये चंद पंक्तियों के आसरे राजधानी भोपाल की सृष्टि तिवारी ने सफलता की नजीर बनाई है। वे देख नहीं सकतीं। जन्म से 100 प्रतिशत दृष्टि बाधित हैं। इसके बावजूद उन्होंने कमजोरियों को हराकर एमपी-पीएससी की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया।

दृष्टिहीनों के लिए कोई कोचिंग न होने से मां सुनीता तिवारी ने मोबाइल में पाठ्य सामग्रियों का वॉयस डेटा तैयार किया। सृष्टि ने इसी से पढ़ाई की और रोज 8-10 घंटे मेहनत कर श्रम पदाधिकारी के तीन पदों में से एक पर काबिज हो गईं। 27 साल की सृष्टि अवधपुरी की वेदवति कॉलोनी में रहती हैं। उन्होंने इंदौर में पद संभाल लिया है।

मां ने टाली कैंसर की सर्जरी

मां सुनीता और सूक्ष्म एवं लघु उद्योग से रिटायर्ड पिता सुनील तिवारी ने पूरा जीवन बेटी के लिए समर्पित कर दिया। इकलौती संतान सृष्टि का 21 अगस्त को इंटरव्यू था। इसी बीच सुनीता के कैंसर से पीडि़त होने की जानकारी मिली। डॉटरों ने सर्जरी की सलाह दी। सृष्टि का इंटरव्यू न बिगड़े, इसलिए सुनीता ने यह बात छिपाई और सर्जरी टाल दी। सुनीता 10वीं-12वीं में भी टॉप-10 में रही हैं।