Tuesday, September 23

7वीं बार स्वच्छता में फिर नंबर-1 बना इंदौर, मध्यप्रदेश को मिले 6 अवॉर्ड

स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में इंदौर को लगातार सातवीं बार स्वच्छता में नंबर वन का खिताब मिला है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के 6 शहरों को भी अवर्ड मिला है। इंदौर जिले के ही महू कंटोनमेंट को भी स्वच्छता अवार्ड मिला है। इस घोषणा के साथ ही इंदौर सहित मध्यप्रदेश में जश्न का माहौल है।

दिल्ली के भारत मण्डपम कन्वेंशन सेंटर में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जा रहा है। देश के स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश का इंदौर लगातार 7वीं बार स्वच्छ शहरों में नंबर वन बन गया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश को 6 अवार्ड भी मिले हैं। कई शहरों ने इस बार तैयारी की थी, लेकिन इंदौर ने इसमें लगातार सातवीं बार बाजी मार ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वच्छता रैंकिंग में आए शहरों के महापौरों को पुरस्कृत कर रही हैं। एमपी के सीएम डा. मोहन यादव, कैलाश विजयवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने यह पुरस्कार ग्रहण किए।

मुख्यमंत्री बोले- 7वें आसमान पर अपना इंदौर

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इंदौर सहित प्रदेशवासियों को इस सम्मान के लिए बधाई दी है। यादव ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि “स्वच्छता के सातवें आसमान पर अपना इंदौर” इंदौरवासियों ने पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है। स्वच्छता की इस सबसे बड़ी उपलब्धि पर मैं समस्त प्रदेशवासियों एवं स्वच्छता के कार्य में लगी पूरी टीम को बधाई देता हूं एवं अपील करता हूं कि स्वच्छता के लिए आपका यह जुनून कभी कम न हो। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री मोदीजी ने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सदैव कटिबद्ध है।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 रैंकिंग

-पहला स्थान इंदौर
-दूसरा स्थान भोपाल
-तीसरा स्थान ग्वालियर
-ग्वालियर देशभर में 16वें स्थान पर
-स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में था 18वें स्थान पर
-प्रदेश में तीसरा स्थान मिला

मध्यप्रदेश के 6 शहरों को स्वच्छता सर्वक्षण में अवार्ड मिले हैं। इंदौर शहर देशभर में एक बार फिर नंबर वन आया है। इंदौर ने लगातार सातवीं बार नंबर वन रहने का रिकार्ड बनाया है। इंदौर के साथ ही सूरत को भी नंबर वन का खिताब मिला है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के भोपाल, महू कैंड, बुदनी अमरकंटक, नौरोजाबाद को स्वच्छता अवार्ड मिला है। स्वच्छ प्रदेशों में मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर आया है। पहला पुरस्कार महाराष्ट्र को मिला है।

इंदौर शहर को 7 स्टार रेटिंग के साथ नंबर वन का दर्जा मिला है। यहां नगर निगम का नो थूं-थू अभियान चलाया, सिंगल प्लास्टिक फेयरवेल पार्टी की गई। इंटर्नशिप विथ मेयर जैसे नवाचार किए गए। वार्ड 49 के तिलक नगर में तो बैकलेन में पोहा पार्टी की गई थी। मूसाखेड़ी क्षेत्र में सूखे नाले में भजन संध्या का आयोजन कर इंदौरियों ने बता दिया था कि वे नंबर वन रहने के लिए क्या से क्या कर सकते हैं।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपल को क्लीनेस्ट स्टेट कैपिटल का अवार्ड मिला है। भोपाल को गार्बेज फ्री सिटी में 5 स्टार रेटिंग मिली है। वहीं वाटर प्लस का भी अवार्ट मिला है। यहां 5 प्रकार के कचरे की प्रोसेसिंग में बेहतरीन काम हुआ है। सीएंडी प्लां, बायो सीएनजी, चारकोल प्लांट के जरिए कचरे का बेहतर निपटारा किया गया।

12.05 pm

कैंट बोर्ड में महू नंबर-1

इधर, इंदौर जिले के कैंट बोर्ड महू को पहला स्थान मिला है। देश में 61 कैंट में से महू को यह स्थान मिला है। इस कैंट में वेस्ट मटेरियल से कैंट बोर्ड ने सबसे बड़ा उद्यान बना दिया था। ट्रेचिंग मैदान पर सीएनडी वेस्ट प्लांट भी किया गया, जिसकी सभी ने सराहना की। यहां बिल्डिंग मटेरियल के वेस्ट से पैवर्स ब्लाक बनाने का काम भी शानदार तरीके से किया गया था।

बुदनी नंबर 1

सीहोर जिले की बुदनी नगर परिषद देश में नंबर-1 कस्बा बन गई है। इस क्षेत्र में स्वच्छता और वाटर प्लस में नंबर वन का तमका मिला है। 25 हजार की आबादी वाले नगरों में बुदनी नंबर वन घोषित हुआ है।

इसके अलावा अमरकंटक को स्वच्छता में नेशनल अवार्ड मिला है। अनूपपुर की 6 नगरीय निकाय को ओडीएफ, अनूपपुर, जैतहरी, अमरकंटक, पसान, कोतमा, बिजुरी शामिल हैं। जबकि 3 नगरीय निकाय को जीएफसी में पहली रैंक मिली है।

नवाचार और सिटीजन फीडबैक रहा अहम

स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग के लिए करीब चार माह पहले सर्वेक्षण दल ने 15 दिन इंदौर में रहकर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया था। बताया जा रहा है कि इंदौर में बेहतर सफाई, कचरा प्रबंधन और नवाचारों के लिए प्रथम रैंकिंग हासिल हुई है। सर्वेक्षण 9500 अंकों का था। इंदौर के पास वाटर प्लस और सेवन स्टार सिटी के 2500 अंक पहले से थे, इसलिए इंदौर की दावेदारी मजबूत है। इंदौर ने अलग-अलग छह कैटेगरी में कचरा संग्रहित कर निपटान किया। इंदौर के इस मैनेजमेंट से कई शहर पीछे रहे, लेकिन इस बार सूरत ने इंदौर को टक्कर दी। सिटीजन फीडबैक अहम रहा।