Tuesday, September 23

अब पैरेंट्स की इजाजत के बिना बच्चों को ‘सांता क्लॉज’ बनाया तो खैर नहीं, एडवायजरी जारी

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग ने एक विवादित आदेश जारी किया है, जिसमें क्रिसमस को लेकर एडवायजरी जारी की गई है। साफ कहा गया है कि बिना पैरेंट की लिखित अनुमति के बच्चे इसका हिस्सा नहीं हो सकते हैं।

मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के लाउडस्पीकर वाले आदेश की गर्मी अभी शांत भी नहीं हो पाई थी कि एक और विवादित आदेश जारी हो गया है, जिसमें स्कूलों को सीधी चेतावनी दी गई है। साफ कहा गया है कि अगर स्कूल में क्रिसमस का आयोजन किया जाए और उसमें बच्चों को शामिल करना हो तो पैरेंट की लिखित अनुमति जरूरी होगी। प्रदेश में इससे पहले किसी भी त्योहार को लेकर स्कूलों के पास कभी कोई एडवायजरी जारी नहीं की गई है। इतना ही नहीं, आदेश में स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो सीधी कार्रवाई स्कूल संचालक और प्रिंसिपल के खिलाफ होगी।

“अभिभावकों को सूचित करना जरूरी है”

इस आदेश में कहा गया है कि स्कूल इस सर्कुलर के बारे में अभिभावकों को सूचित कर दें. स्कूलों से कहा गया है कि यदि इस संबंध में शिकायतें मिलती है तो आपके संगठन के खिलाफ एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने कहा कि पहले भी शिकायतें मिली हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि इस तरह के आदेश से स्कूलों में क्रिसमस कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने जैसा कुछ है।

“पहले अभिभावक ही कर चुके हैं शिकायत *****

उन्होंने आगे कहा कि यह सर्कुलर आने वाले त्योहारी सीज़न के दौरान स्कूलों में किसी भी कार्यक्रम पर प्रतिबंध नहीं लगाता है. पहले ऐसी कई शिकायते आई थी जिनमें अभिभावक कह चुके हैं उनकी सहमति के बगैर उनके बच्चों को स्कूलों में ऐसे कार्यक्रमों का हिस्सा बनाया जा रहा है, और सर्कुलर का उद्देश्य इस तरह की घटनाओं को रोकना है. घटना घटित होने के बाद कार्रवाई करने से बेहतर है कि ऐसे विवादों पर ध्यान दिया जाए।