मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद जब पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने कर्मक्षेत्र विदिशा पहुंचे तो वहां का नजारा ही बदला हुआ था। वहां के बाढ़ वाले गणेश मंदिर परिसर में जब शिवराज पहुंचे तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। महिलाओं और बुजुर्गों की आंखों में आंसू थे। यह देख शिवराज भी अपने आप पर काबू नहीं कर पाए और वे भी रोने लगे। महिलाओं ने करीब 35 मिनट तक उन्हें घेरे रखा। महिलाएं और वहां मौजूद लोग बार-बार नारे लगा रहे थे कि हमारा सीएम हमें वापस दे दो।
माहौल इतना भावुक हो गया था कि शिवराज सिंह (shivraj singh chauhan) भी खुद पर काबू नहीं रख पाए और उन्हें भी अपने आंसू पौंछना पड़े। यहां गणेश जी की पूजा के बाद जब शिवराज सिंह अपने समर्थकों को संबोधित करने खड़े हुए तो आवाज आई कि- विदिशा अनाथ हो गया…इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि विदिशा को अनाथ नहीं होने दूंगा। सरकार के पीछे रहकर जो काम हो सकता है वह सब करूंगा।
इस बीच, हमारा सीएम वापस करो के नारे भी खूब गूंजे। उत्साह की जगह उदासी का माहौल: शाम करीब 6 बजे रंगई के बाढ़ वाले गणेश मंदिर पहुंचे शिवराज ङ्क्षसह चौहान का लोग 4.30 बजे से इंतजार कर रहे थे। बडी संख्या में महिलाएं और जिले भर से आए भाजपा कार्यकर्ता यहां मौजूद थे। विधायक मुकेश टंडन, सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा और शमशाबाद विधायक सूर्यप्रकाश मीणा भी मौजूद थे। भारी भीड़ एकत्रित हो चुकी थी, लेकिन माहौल में उत्साह की जगह उदासी थी। लोग आपस में एक दूसरे से मिलने की औपचारिकता करते नजर आ रहे थे। मंच भी नहीं था, घाट पर शिवराज सिंह चौहान के लिए मात्र एक कुर्सी रखी गई थी।
रोते हुए बुजुर्ग को गले लगाया, आंखें हुई नम
ठीक 6 बजे रंगई मंदिर परिसर में पहुंचे शिवराज के आते ही नारे लगना शुरू हुए। सबसे पहले जीवनलाल किरार नाम के बुजुर्ग कार्यकर्ता उनसे लिपटकर रो पड़े। शिवराज ने उन्हें समझाया। इसके बाद आगे बढ़ते ही महिलाओं ने उन्हें घेर लिया और फिर वहां मौजूद कई महिलाएं फूट फूटकर रोती नजर आईं। उनकी आवाज दूर तक सुनाई दे रही थी। इस बीच शिवराज की आंखों में भी आंसू आ गए। भाई की तरह शिवराज महिलाओं को सीने से लगाकर उनके सिर पर हाथ रख रहे थे। उनका आशीर्वाद लेने के लिए भीड़ में से कई महिलाएं उनका हाथ पकड़कर अपने सिर पर रखवा रहीं थीं। यह क्रम करीब 35 मिनट तक चला। इसके बाद वे मंदिर के अंदर पहुंच पाए।
शिवराज ने कहा: विदिशा को अनाथ नहीं होने दूंगा…
मंदिर में गणेश जी की पूजा-आरती के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने घाट पर एकत्रित भारी जनसमूह को संबोधित किया। जब किसी ने कहा कि आपके सीएम न रहने से विदिशा अनाथ हो गया, इस पर उन्होंने कहा कि विदिशा को अनाथ नहीं होने दूंगा। पूरा मप्र मेरा परिवार है, ये संबंध राजनीति का नही है। मैं परिवार का ये रिश्ता अंतिम सांस तक नहीं टूटने दूंगा।
मैं मरूंगा तो भी तुम्हारे लिए
चौहान ने कहा कि मामा का रिश्ता प्यार का और भाई का रिश्ता विश्वास का होता है। मैं ये प्यार और विश्वास की डोर कभी टूटने नहीं दूंगा। मेरे जीवन का एक-एक पल आपको समर्पित है। मैं विदिशा की पांचों सीटों के विकास के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा। अब भी लाड़ली बहनाओं को लखपति बहना बनाने के लिए काम करता रहूंगा। सीएम नहीं हूं तो भी मैं आपके साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। सीएम के बिना भी तु्हारा भाई सब करने में सक्षम है। नए सीएम और उनकी टीम से अपने किए गए वादों को पूरा करने में कोई कसर नही छोडूंगा। चौहान ने कहा कि जो पार्टी ने फैसला किया है वह कार्यकर्ता के नाते विनम्रता से स्वीकार है। मैं किसी पद के लिए नहीं, आपकी जिंदगी बेहतर बनाने के लिए जी रहा हूं। उन्होंने कहा कि बहनें रो रही हैं कह रही हैं कि जाने नहीं दूंगी। अरे अपनी बहनों को छोड़कर भाई कहां जाएगा। मैं जिऊंगा तो तुम्हारे लिए और मरूंगा तो भी तु्म्हारे लिए।
सियासत से दूर शिवराज ने खेत पर ट्रैक्टर चलाया
गुरुवार की दोपहर विदिशा अपने खेत पर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्रैक्टर चलाकर खेतों की जुताई की। इस दौरान वे खुद ही खेतों में ट्रैक्टर दौड़ाते नजर आए। उन्होंने खेत पर करीब तीन घंटे से ज्यादा का समय बिताया।