Wednesday, September 24

मोहन यादव को मिली जेड प्लस सुरक्षा, देश के चुनिंदा लोगों को ही देते हैं ऐसी सिक्योरिटी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। वे अब एनएसजी कमांडों से घिरे रहेंगे। हाल ही में सीएम बने मोहन यादव की सुरक्षा में 24 घंटे सुरक्षा का घेरा रहेगा। सीएम की सुरक्षा में हमेशा 36 जवान तैनात रहेंगे। देश में बड़े नेताओं को विभिन्न कैटेगरी में सुरक्षा दी जाती है। मध्यप्रदेश के सीएम भी उन नेताओं में शामिल हो गए हैं, जिन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।

मध्यप्रदेश के सीएम डा. मोहन यादव की सुरक्षा और सख्त कर दी गई है। सीएम बनने के बाद अब उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। जेड प्लस सुरक्षा में दो एसपी, दो एएसपी, चार डीएसपी, विशेष सुरक्षा बल के जवान और राज्य पुलिस के हथियारबंद जवान तैनात करेंगे। मुख्यमंत्री के काफिले में भी 14 से 18 वाहन होंगे। इस काफिले में एक बुलेटप्रूफ कार भी शामिल रहेगी, जिसमें सीएम हमेशा सफर करेंगे।

पहले ही फैसले से चर्चाओं में आए सीएम

13 दिसंबर को शपथ ग्रहण के बाद शाम को पहले ही फैसले के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव सुर्खियों में आ गए। उन्होंने प्रदेश में खुले में मांस और मटन की बिक्री बंद करने के आदेश दे दिए।

उज्जैन वाले घर पर सुरक्षाकर्मी तैनात

डा. मोहन यादव के उज्जैन स्थित घर पर मुख्यमंत्री बनने की घोषणा होते ही सुरक्षाकर्मी तैनात हो गए थे। यह सुरक्षाकर्मी 24 घंटे तैनात रहेंगे। सीएम का मकान अब्दालपुरा में है। जहां हर आने जाने वाले पर नजर भी रखी जा रही है। उनके बंगले पर मेटल डिटेक्टर मशीन भी लगा दी गई है। हर आने जाने वाले व्यक्ति को जांच के बाद ही घर में प्रवेश करने दिया जा रहा है।

पूर्व सीएम को भी मिली थी जेड प्लस

इससे पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह को भी जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई थी। पूर्व सीएम शिवराज सिंह की भी सुरक्षा व्यवस्था प्रशासन ने जारी रखी है। उनके काफिले में जितने वाहन थे और सुरक्षाकर्मी थे वो पहले की तरह ही तैनात रहेंगे। पिछले साल जेड प्लस सिक्योरिटी के बाद भी शिवराज सिंह की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसके बाद उनकी सुरक्षा में 15 एसटीएफ के अतिरिक्त जवान भी तैनात थे।

क्या होती है जेड प्लस सिक्योरिटी

जेड प्लस सिक्योरिटी अधिकतर केंद्र सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रोम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज, मशहूर राजनेता और बड़े ब्यूरोक्रेट्स को दी जाती है। इसमें 36 सिक्योरिटी गार्ड 24 घंटे तैनात रहते हैं। इसमें एनएसजी के 10 कमांडोज भी शामिल रहते हैं। इन कमांडोज को अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात किया जाता है। इसमें तीन घेरे में सिक्योरिटी की जाती है। पहले घेरे में एनएसजी सिक्योरिटी में होते हैं, इसके बाद एसपीजी के अधिकारी तैनात होते हैं और इसके साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सिक्योरिटी घेरे में शामिल होते हैं।

कौन देता है यह सिक्योरिटी

भारत में वीवीआईपी लोगों को अलग-अलग कैटेगरी में सिक्योरिटी दी जाती है। इसमें एसपीजी, एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसी एजेंसियां शामिल है। इसे लेने के लिए सरकार को एप्लीकेशन देनी होती है। इसके बाद खुफिया एजेंसी व्यक्ति को होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती है और उसके बाद ही सुरक्षा तय करती है। गृह सचिव और डायरेक्टर जनल और मुख्य सचिव की कमेटी तय करती है कि किस व्यक्ति को कौन सी सिक्योरिटी देना चाहिए।