Thursday, October 30

सीएम चयन के लिए चार सूत्री फार्मूले पर काम कर रही भाजपा, नेताओं के यूटिलिटी फैक्टर के साथ तैयार हो रहा प्रोफाइल

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री चयन में भाजपा दावेदारों की यूटिलिटी फैक्टर देख रही है और चार सूत्री फार्मूले पर काम कर रही है। जानकार सूत्रों के अनुसार नेता पद के लिए पार्टी ऐसे चेहरे का चयन करना चाहती है जो जिससे सबसे ज्यादा राजनीतिक और सामाजिक संदेश दिया जा सके, जो भविष्य की राजनीति के लिए सर्वाधिक उपयोगी साबित हो सके, जो खुद के बजाय संगठन को तवज्जो दे और लो प्रोफाइल रह कर काम करे। पार्टी ऐसे नेता को तवज्जो देना चाहती है जो ज्यादा चमक-दमक के बजाय खामोशी से पार्टी की रीति-नीति के अनुसार काम कर सके। विधानसभा चुनाव परिणाम में जीत के बाद तीनों राज्यों में भाजपा के सीएम चेहरे का इंतजार है लेकिन आसन्न लोकसभा चुनाव और लंबी रणनीति को ध्यान में रखकर पार्टी आलाकमान नए मुख्यमंत्रियों के दावेदारों को अपनी कसौटियों पर कसने के लिए पार्टी जल्दबाजी में नहीं है।

प्लस-माइनस प्वाइंट के साथ नेताओं की तैयार हो रही प्रोफाइल

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी जिन नेताओं में संभावनाएं देख रही है। उनके प्लस-माइनस प्वाइंट का विश्लेषण कर रही है। किस चेहरे को आगे बढ़ाने से कितना लाभ और कितनी हानि हो सकती है, किस चेहरे से संतुलन स्थापित हो सकता है, किस चेहरे में सबको साथ लेकर चलने की काबिलियत है, कौन सभी धड़ों को साधकर चल सकता है, किसमें बतौर मुख्यमंत्री सभी एजेंडे को धरातल पर उतारने की क्षमता है, इन सभी बिंदुओं पर हर नेता की प्रोफाइल तैयार हो रही है।

4 नेता मिलकर लेंगे निर्णय

अभी तीनों राज्यों में विधायक दल की बैठक की तिथि, पर्यवेक्षकों के साथ मुख्यमंत्रियों के नाम तय नहीं हुए हैं। इस सप्ताह जिस भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष एक साथ बैठकर चर्चा करेंगे उसी दिन सब कुछ निर्धारित होगा। भाजपा नेता ने जोड़ा कि सीएम के चेहरे पर अंतिम निर्णय विधायक दल की बैठक में विधायकों से रायशुमारी के बाद ही होगा।

…ताकि लोकसभा में कांग्रेस नहीं बना सके मुद्दा

सूत्रों का कहना है कि भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने में यह भी ध्यान रख रही है कि जिस नेता के सिर पर ताज रखा जाए उसका उसका आरोपों व विवादों से नाता नहीं होना चाहिए ताकि कांग्रेस या अन्य किसी विपक्षी दल को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने का मौका नहीं मिले।

क्षत्रपों की सियासत तोड़ने पर जोर

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि तीनों राज्यों में क्षत्रपों की सियासत भारी रही है। खासकर राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा को इसका खामियाजा उठाना पड़ा है। इसी वजह से हर पांच साल में सत्ता हाथ से निकल गई। क्षत्रपों के चलते संगठन सर्वोपरि नहीं रहकर कमजोर होता रहा है। यही वजह है कि राजस्थान में दोनों ही दल सरकार रिपीट नहीं करा पा रहे हैं। भाजपा नेतृत्व इस परिपाटी को तोड़ना चाहता है। पार्टी का मानना है कि संगठन सर्वोपरि रहे। भाजपा का यह प्रयोग कई राज्यों में सफल रहा है।

पार्टी तोड़ना असंभव

तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री पद के लिए कुछ नेता दबाव की राजनीति पर काम कर रहे हैं। खासतौर पर यह स्थिति राजस्थान में देखी जा सकती है जहां विधायकों की अघोषित बाड़ेबंदी शुरू कर दी गई है। विधायकों को फोन कर बुलाया जा रहा है ताकि ‘दिल्ली’ को संदेश दिया जा सके कि, ‘मैं नहीं तो कोई नहीं।’ इसके लिए सोशल मीडिया पर कुछ समर्थक पार्टी तोड़ने और कांग्रेस से मिलकर सरकार बनाने की बातें तक पोस्ट कर रहे हैं। हालांकि इस पर पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि यह असंभव है। पार्टी तोड़ने के लिए दो-तिहाई विधायकों की जरूरत होती है या फिर मध्यप्रदेश व कर्नाटक की तर्ज पर विधायकों के इस्तीफे करवाए जाएं। यह दोनों ही रास्ते मुश्किल है क्योंकि कई विधायक पहली बार चुनकर आए हैं। वहीं कुछ विधायकों ने बेहद मुश्किल हालात में कम मार्जिन से चुनाव जीता है।

चौंकाते रहे हैं मोदी-शाह

राज्यों में सीएम के चयन जैसे बड़े निर्णयों को लेकर पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह चौंकाते रहे हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही होता दिख रहा है। इससे पहले गुजरात में भूपेन्द्र पटेल, उत्तराखंड में पुष्कर धामी, हरियाणा में मनोहरलाल खट्टर जैसे गुमनाम चेहरों को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौकाया था। इन चेहरों ने गुजरात और उत्तराखंड में सरकार भी रिपीट करवा दी थी।

‘कुछ समय इंतजार करो, बदलाव तो होते ही रहते हैं’

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद जाते समय मीडिया से अनौपचारिक बातचीत की। इसमें शाह से पूछा गया कि सीएम फेस के लिए कितने समय इंतजार करना होगा, तो शाह ने कहा- कुछ समय। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता बदली है, वहां तो सीएम जल्द तय किए जाने के सवाल पर कहा कि बदलाव तो होते रहते हैं। सब तय हो जाएगा। सीएम के चेहरे का जिक्र किया तो बोले- क्या मैं आपको बताऊंगा।