नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, बिहार और आंध्र प्रदेश से सबसे ज्यादा बच्चों की तस्करी हुई है, जबकि महामारी के बाद दिल्ली में बच्चों की तस्करी में 68 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। राजस्थान की राजधानी जयपुर ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को लाए जाने का सबसे बड़ा अड्डा है। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चार जिलों में तस्करी के शिकार बच्चों को लाया जाता है।
यह चौंकाने वाला खुलासा नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की ओर स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (केएससीएफ) व एनजीओ गेम्स 24 गुणा 7 की टद चाइल्ड ट्रैफिकिंग इन इंडियाःइनसाइट्स फ्रॉम सिचुएशनल डाटा एनालिसिस एंड द नीड फॉर टेक-ड्रिवेन इंटरवेंशन स्ट्रेटजी’ शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में हुआ है। विश्व मानव दुर्व्यापार निषेध दिवस के मौके पर रविवार को जारी रिपोर्ट में 21 राज्यों और 262 जिलों से जुटाए गए साल 2016 से 2022 के आंकड़े समाहित किए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे (15.6 प्रतिशत) ज्यादातर दुकानों, ढाबों और उद्योगों में काम करते हैं। आटोमोबाइल व ट्रांसपोर्ट उद्योग में 13 फीसद और कपड़ा व खुदरा दुकानों में 11.18 फीसद बच्चे काम कर रहे हैं। सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में पांच से आठ साल तक की छोटी उम्र के बच्चों से भी काम लिया जाता है। छुड़ाए गए 80 प्रतिशत बच्चों की उम्र 13 से 18 वर्ष के बीच थी। साथ ही 13 प्रतिशत बच्चे नौ से बारह साल और पांच प्रतिशत बच्चे नौ साल से भी छोटे थे। केएससीएफ और इसके सहयोगी संगठनों के प्रयासों से सात सालों में 18 साल से कम उम्र के 13,549 बच्चों को बाल श्रम और ट्रैफिकिंग से मुक्त कराया गया है।
कोरोना के बाद बढ़ी तस्करी
रिपोर्ट में कोरोना महामारी के बाद देश के हर राज्य में बच्चों की ट्रैफिकिंग में बेतहाशा बढ़ोतरी की बात सामने आई है। सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश की है, जहां कोरोना से पूर्व 2016 से 2019 के बीच सालाना औसतन 267 बच्चों की ट्रैफिकिंग होती थी जो साल 2021-22 में 1214 तक पहुंच गई। कोरोना के बाद कर्नाटक में बच्चों की ट्रैफिकिंग के मामले सीधे 18 गुना बढ़ गए।
इनका कहना है….
पिछले एक दशक में सरकारों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सजगता और सक्रियता से ट्रैफिकिंग के मामले दर्ज होने की संख्या में बढ़ी है। बच्चों की ट्रैफिकिंग से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए समग्र एंटी-ट्रैफिकिंग कानून सबसे बड़ी जरूरत है।
-रीयर एडमिरल (सेवानिवृत्त) राहुल कुमार श्रावत, प्रबंध निदेशक, केएससीएफ