हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों का धरना आज समाप्त होगा। हरियाणा सरकार ने किसानों की मांगे मान ली है। जिसके बाद धरना दे रहे किसान हाईवे खाली कर रहे हैं। किसान नेता राकेत टिकैत ने कहा कि आंदोलन समाप्त हुआ है आज रास्ते खोल दिए जाएंगे। हम इसलिए विरोध कर रहे थे कि हमारी फसल MSP पर खरीदी जाए। हम आगे भी MSP पर लड़ाई पूरे देश में करेंगे। भारत सरकार की MSP को लेकर जो दर है वह देना होगा। कुरुक्षेत्र के DC शांतनु शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार हमेशा किसानों के समर्थन में खड़ी रही है। सूरजमुखी की फसल के लिए मुख्यमंत्री ने MSP बढ़ाने पर सहमति जताई है। मालूम हो कि यहां किसान तीन दिनों से हाईवे पर बैठे थे। अब धरना समाप्त होने से दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे क्लियर हो जाएगा।
आप सबके सहयोग से सरकार ने हमारी बात मानीः किसान नेता
कुरुक्षेत्र में चल रहा किसानों का धरना सूरजमुखी बीज की एमएसपी (MSP) पर खरीद की मांग को ले है। इस मांग के लिए हरियाणा के किसान अब आर-पार की लड़ाई के मूड में थे। आखिरकार सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा।
सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य की मांग पर एक संयुक्त प्रेस वार्ता में किसान नेता करम सिंह मथाना व अन्य किसान नेताओं ने कहा कि हमने एक हफ्ते तक संघर्ष किया है और आज आप सबके सहयोग से हमारी मांग को सरकार ने मान लिया है। हालांकि यह फाइनल जीत नहीं है।
PM मोदी ने किया घोषित, हरियाणा सीएम नहीं कर रहे लागूः टिकैत
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम वहीं मांग कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री ने एमएसपी पर घोषित किया था। लेकिन हरियाणा के सीएम इसे राज्य में लागू नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हाईवे जाम करने की बात कहकर किसानों को बदनाम किया जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा की बातचीत विफल होने पर लगाएंगे पक्का मोर्चा
किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि अब संयुक्त किसान मोर्चा के लोग भी सरकार से बातचीत करने जाएंगे। अगर बातचीत विफल होती है तो पक्के मोर्चे लगाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कल से लोग आना शुरू हो जाएंगे और फिर ये बढ़ता चला जाएगा।
किसान ट्रैक्ट्रर, ट्रॉली और झोपड़ी का इंतजाम कर लें। एक सवाल के जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली आंदोलन जैसा माहौल देखने को मिलेगा। टिकैत ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ सोमवार रात उनकी दो बैठकें हुईं, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला।
विज्ञापन पर पैसे खर्च कर रही सरकार, पर नहीं देती MSP
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार विज्ञापन पर पैसे खर्च कर रही है पर एमएसपी नहीं दे रही। हमें एमएसपी और गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई के लिए एक बार फिर से इकठ्ठा होना होगा। अगर जरूरत पड़ी तो टोल प्लाजा बंद किए जायेंगे। अभी टोल खुला है। अब इस मोर्चे को और मजबूत करना है।
क्यों धरना दे रहे हैं किसान, क्या है मांग?
कुरुक्षेत्र के किसान आंदोलन के पीछे की वजह हरियाणा सरकार का एक फैसला है। दरअसल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को सूरजमुखी फसल के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए। उन्होंने इसकी खरीद भावांतर भरपाई योजना से करने का आदेश दिया।
किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे। भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।