कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाक़ात की है। इस दौरान पहलवान ने सरकार के सामने चार मांगें रखी हैं, जिनमें एक महिला डब्ल्यूएफआई प्रमुख की नियुक्ति और उनके खिलाफ पुलिस प्राथमिकी को रद्द करना शामिल है।
हालांकि अब सवाल उठता है कि क्या सरकार डब्ल्यूएफआई के कामकाज में दखल दे सकती है या संविधान में बदलाव होगा? प्रदर्शनकारी पहलवानों को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सरकार ने दूसरी बार आमंत्रित किया है। जनवरी में भी, पहलवानों ने अनुराग ठाकुर से उनके आवास पर मुलाकात की और एक समिति के गठन के बाद अपना विरोध बंद कर दिया था। उस वक्त पूर्व पहलवान और बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
इससे पहले बुधवार को आईएएनएस से बात करते हुए साक्षी मलिक ने कहा, “हम सब कुछ खुला रखेंगे। हम बंद दरवाजों के पीछे कोई फैसला नहीं लेंगे। हम सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अपने वरिष्ठों और समर्थकों के साथ चर्चा करेंगे और जब हर कोई अपनी राय देगा कि प्रस्ताव ठीक है, तभी हम सहमत होंगे।”