इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 16वे सीजन का आगाज आज होने जा रहा है। इस लीग का पहला मुक़ाबला डिफेंडिंग चैंपियंस गुजरात टाइटंस (GG) और चार बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला जाएगा। इस साल आईपीएल के नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं और ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’ शामिल किया गया है।
2008 से जारी लीग में पहली बार इम्पैक्ट प्लेयर रूल इस्तेमाल होगा। इस रूल के तहत टीमें प्लेइंग-11 में शामिल किसी एक खिलाड़ी को बेंच पर बैठे खिलाड़ी से मैच के बीच में रिप्लेस कर सकेंगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस नियम से ऑलराउंडर्स का प्रभाव कम होगा और गुजरात, लखनऊ, राजस्थान जैसी टीमों को फायदा मिलेगा।
इस नियम का मतलब है कि मैच के दौरान प्लेइंग-11 में से किसी एक प्लेयर को बाहर कर, उसकी जगह नया खिलाड़ी शामिल करना है। इसके लिए दोनों टीमों के कप्तानों को टॉस के दौरान प्लेइंग-11 के अलावा 4-4 खिलाड़ियों के नाम और बताने होंगे। इनमें से ही कोई एक प्लेयर बदला जा सकता है। हर एक टीम को मैच में एक ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ लाने की अनुमति है।
ओवर खत्म होने पर या विकेट गिरने पर या फिर किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर इस नियम का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर टीमें पहली पारी में इंपैक्ट प्लेयर का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं तो उन्हें बदलने का प्रावधान है। दोनों पारियों में एक से 14 ओवर के बीच नियम का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक टीम पूरे मैच में एक ही बार प्लेयर रिप्लेसमेंट रूल को यूज कर सकेगी। वह चाहे तो पहली पारी के 14 ओवर तक या फिर दूसरी पारी के 14वें ओवर तक रिप्लेसमेंट ले सकती है।
टीमें उस खिलाड़ी को भी रिप्लेस कर सकती है जो मैच में बैटिंग या बॉलिंग कर चुका हो। इम्पैक्ट प्लेयर को मैच में अपने खाते के पूरे चार ओवर गेंदबाजी करने को मिलेगी। साथ ही वह पूरे ओवर बल्लेबाजी भी कर पाएगा। हालांकि, एक इनिंग में किसी टीम के ज्यादा से ज्यादा 10 विकेट ही गिर सकते हैं।
टीम का कप्तान, कोच, टीम मैनेजर या फोर्थ अंपायर के जरिए इम्पैक्ट प्लेयर नियम इस्तेमाल करने की सूचना फील्ड अंपायर को दे सकते हैं। इसके बाद फील्ड अंपायर दोनों हाथों को ऊपर उठाकर क्रॉस बनाएगा और मुट्ठी बनाते हुए साइन करेंगे। तब समझ लें कि इस नियम का इस्तेमाल हुआ है।