Thursday, September 25

अदाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर संसद में हंगामा, कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित, खरगे सहित 13 दल JPC जांच के लिए अड़े

संसद के बजट सत्र का आज तीसरा दिन है। बजट पेश होने के बाद आज संसद में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के अभिभाषण पर केंद्र सरकार को धन्यवाद प्रस्ताव पेश करना है। गुरुवार को संसद के लोकसभा-राज्यसभा में जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर हंगामा मच गया। अडानी ग्रुप पर अनुसंधान समूह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के हंगामे के बीच गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी नेताओं ने अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित 13 दलों ने सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहाकि, LIC, SBI सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए।

जब भी हम नोटिस देते हैं उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है – कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहाकि, सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है।
चंद कंपनियों को दिया जा रहा है लोगों का पैसा – मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहाकि, हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा LIC में है या अन्य संस्थानों में है वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए हैं।
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग
विपक्ष ने अडानी एंटरप्राइजेज पर हिंडनबर्ग शोध रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हम इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग करते हैं और संसद के अंदर इस मांग को उठाएंगे। हम मांग करते हैं कि कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जानी चाहिए। विपक्ष ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अडानी मुद्दे को उठाने से रोकने के लिए संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ने जाम्बिया संसदीय प्रतिनिधिमंडल का किया स्वागत
इससे पूर्व आज जब लोकसभा की कार्रवाई शुरू हुई तो स्पीकर ओम बिड़ला ने जैसे ही जाम्बिया के एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और प्रश्नकाल शुरू किया, तभी हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए।
दोपहर दो बजे तक लोकसभा-राज्यसभा स्थगित
बिड़ला ने शोर-शराबे वाले दृश्यों पर आपत्ति जताई और सदस्यों से निराधार दावे नहीं करने को कहा। नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इसी मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के चलते राज्यसभा भी स्थगित कर दी गई।
विपक्ष की 13 पार्टियों ने बैठक की
उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से उनकी कंपनियों के शेयरों में गिरावट तो हो ही रही है, लेकिन अब यह मुद्दा संसद में भी उठने लगा है। विपक्ष की 13 पार्टियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर बैठक की। बैठक में कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, जेडीयू, शिवसेना, एनसीपी और अन्य पार्टियों ने एक राय दिखाई। सभी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा और इसकी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) से जांच की मांग की।
सरकार ने करोड़ों भारतीयों की बचत को खतरे में डाला – जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि सरकार ने एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा अडानी समूह में कथित रूप से जबरन निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ों भारतीयों की बचत को खतरे में डाल दिया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे सहित नौ सदस्यों का निलंबन नोटिस खारिज
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित नौ सदस्यों के निलंबन नोटिस को खारिज कर दिया, जिससे नारेबाजी हुई। नोटिस को खारिज करते हुए सभापति ने कहा, नोटिस स्वीकार किए जाने के क्रम में नहीं हैं।
अडानी ग्रुप पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का हिंडनबर्ग ने लगाया आरोप
अमेरिका की एक शोध फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। विपक्षी दल अडानी मुद्दे, सीमा पर चीनी अतिक्रमण और राज्यों में राज्यपालों की भूमिका पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।