बीते तीन साल कोरोना के खौफ में बीते। इस महामारी से पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों की मौत हुई। लाखों परिवार तबाह हुए। शुरुआत में इस बीमारी से बचने का कोई इलाज ही नहीं था। लेकिन समय के साथ कोरोना को कंट्रोल करने वाली वैक्सीन तैयार हुई। फिर दुनिया भर की सरकारों ने युद्ध स्तर पर लोगों को कोरोनारोधी टीका लगवाया। अब कोरोना से बचाव के लिए दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन बनकर तैयार हो चुकी है। नेजल वैक्सीन यानी की नाक में दी जाने वाली दवा। कोरोना से बचाव के लिए दुनिया की पहली नेजल वैक्सीन भारत बायोटेक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी ने बनाई है। इस पहली नेजल वैक्सीन का नाम iNCOVACC है। जिसे गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत में लॉन्च किया गया। यह वैक्सीन कोरोना की अन्य वैक्सीन से कितनी अलग है? इसकी कीमत क्या है? इसे लगवाना कितना कारगर है? जिन लोगों ने पहले से कोरोना की दूसरी वैक्सीन लगवा ली है? उन्हें यह नेजल वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं? जैसे कई सवाल लोगों के मन में है। आईए जानते है कि दुनिया की पहली नेजल कोविड वैक्सीन iNCOVACC से जुड़ी सभी अहम बातें।
दिल्ली में स्वास्थ्य और विज्ञान प्रोद्योगिकी मंत्री ने किया लॉन्च
भारत बायोटेक और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन iNCOVACC को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह लॉन्च किया।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करते हुए कहा कि “दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन! आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंत्री जितेंद्र सिंह, डॉ कृष्णा एल्ला व उनकी टीम के साथ ‘नेजल वैक्सीन’ लांच किया। यह वैक्सीन भारत के सामर्थ्य और क्षमता की मिसाल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व और नए भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
ड्रॉप की तरह नाक में दी जाएगी वैक्सीन, किसी सुई की जरूरत नहीं
इस वैक्सीन की खास बात यह है कि इसको लगाने के लिए किसी भी प्रकार की सूई का इस्तेमाल नहीं होगा और इसे नाक से दिया जाएगा। एंटीजन किट से जैसे नाक से स्वाब लेकर कोरोना की टेस्टिंग होती है, वैसे ही कोरोना से बचाव के लिए बनाई गई यह नेजल वैक्सीन की बूंद नाक में दी जाएगी। इसकी एक डोज में चार ड्रॉप दवा नाक में डाली जाती है।
कितनी कारगर है कोविड की पहली नेजल वैक्सीन
दुनिया की पहली कोविड नेजल वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा था कि iNCOVACC एक एडेनोवायरस वेक्टरेड वैक्सीन है। इस वैक्सीन का तीन चरणों में क्लीनिकल ट्रायल किया गया है, जिसके परिणाम सफल रहे है। कंपनी के बयान के अनुसार फेज-1 के ट्रायल में 175 और दूसरे फेज में 200 लोगों को शामिल किया गया था।
फिर तीसरे फेज में 3100 और 875 लोगों पर ट्रायल किया गया। जो फसल रहा। कंपनी के अनुसार ट्रायल में नेजल वैक्सीन लेने वाले लोगों में कोरोना से बचाव की जबरदस्त इम्यूनिटी बनी।
कैसे बुक करें, कितने दिन पर लगेगी दूसरी खुराक
कोरोना की अन्य वैक्सीन की तरह ही iNCOVACC वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाएगा। कोविड वेबसाइट पर इसे अपडेट कर दिया गया है। कोविड वेबसाइट के जरिए iNCOVACC के लिए स्लॉट बुक किया जा सकता है। इस वैक्सीन की दो खुराक 28 दिन के अंतराल पर लगेगी। दोनों खुराक मिलाकर वैक्सीन की आठ ड्रॉप दी जाएगी।
नेजल वैक्सीन की कितनी है कीमत
कंपनी के अनुसार राज्य और केंद्र सरकार के लिए नेजल वैक्सीन की कीमत 325 रुपए है। वहीं निजी वैक्सीनेशन केंद्रों को इंट्रानेजल वैक्सीन 800 रुपए में दी जाएगी। फिलहाल यह वैक्सीन निजी हॉस्पिटल में ही दी जा रही है। ऐसे में यदि कोई शख्स कोविड की नेजल वैक्सीन लेना चाहता है तो उसे 800 रुपए देकर निजी क्लीनिक का रुख करना होगा।
दूसरी वैक्सीन लगवा चुके लोग क्या करें
कोरोना से बचाव वाली दूसरी वैक्सीन कोविशिल्ट, को-वैक्सीन जैसी दूसरी वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए नेजल वैक्सीन iNCOVACC कारगर है। कंपनी का दावा है कि iNCOVACC एक बुस्टर डोज की तरह है। ऐसे में दूसरी वैक्सीन लगवा चुके लोग भी इसे लगवा सकते हैं। अभी यह वैक्सीन 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए उपलब्ध है।