Thursday, September 25

VIDISHA सड़कों से आसान हुई ग्रामीणों की राह, जिले में बिछा ढाई हजार किमी लम्बी सड़कों का जाल

विदिशा. अब वो दिन नहीं रहे जब दूरस्थ ग्रामीण अंचल के लोगोें को मुख्य सड़क तक आने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। सड़कों के जाल ने आवागमन को काफी सुलभ बना दिया है। खासकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और फिर मुख्यमंत्री सड़क योजना सहित अन्य योजनाओं में जिले में करीब ढाई हजार किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल बिछ गया है। इससे अब तक करीब 1273 गांव के लोगों को सुविधा मिली है। लेकिन कई क्षेत्र अब भी सड़कों को तरस रहे हैं, इसके साथ ही कई सड़कों में विसंगतियां और घटिया निर्माण के कारण इधर बनने और उधर उख़ड़ने की समस्या बरकरार है।

जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्कता तथा राज्य की अन्य योजनाओं के माध्यम से 2475.13 किमी लम्बी सड़कों का निर्माण पिछले बीस साल में हुआ है। इससे लिले के 1273 गांव के लोगों को आवागमन संबंधी समस्याओं से राहत मिली है और उनका आना-जाना आसान हुआ है। खासकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से कई ऐसे गांव भी अब आवाजाही की मूल धारा से जुड़ गए हैं जहां तक पहुंचना आसान नहीं था।बीस साल में कितना बदला प्रधानमंत्री ग्राम और अन्य सड़कों का हाल

सफर हुआ आसान, दूरियां हईं कम

प्रधानमंत्री सड़क योजना से अब गांव-गांव की पहुंच मुख्य सड़कों तक हुई है। पहले जाे ग्रामीण बमुश्किल मुख्य सड़कों तक काफी समय लगाकर पहुंच पाते थे उनके समय और दूरी में कमी के साथ सफर भी आसान हुआ है। इसके साथ ही कई गांव मुख्य सड़कों से जुड़ गए हैं। इसके साथ ही अब मुख्यमंत्री सड़क योजना ने भी दूरियां और आवागमन की मुश्किलों को कम किया है।

घटिया निर्माण और बनते ही उखड़ने की शिकायतें बरकरार

यह सही है कि सड़कों के निर्माण में काफी काम हुआ है, लोगों को दूरस्थ और भीतरी अंचल से आने जाने में सुविधाएं बढ़ी हैं, लेकिन अभी भी घटिया निर्माण और कई जगह बनते ही सड़कों के उधड़ जाने की शिकायतें बरकरार हैं। इसी तरह कुछ ऐसी विसंगतियां हैं कि बीच-बीच के कुछ ग्रामों को सड़क निर्माण से वंचित कर दिया गया है। यह भी कि मात्र एक-दो किमी की सड़क छोड़कर पूरी बना दी गई है, जिससे लोगों को परेशानी अब भी हो रही है।

86 ग्रेवल सड़कों से जुड़े 198 गांव

उधर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की रिपोर्ट कहती है कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत 2010-11 में हुई और इसके बाद इस योजना के तहत जिले में अब तक 186 ग्रेवल सड़कों का निर्माण किया गया, जिससे 198 गांवको एकल संपर्कता मिली है। इन सड़कों पर दस मीटर से अधिक स्पॉन के 56 पुल-पुलियों का निर्माण भी किया गया है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन आसान हुआ है।

बीस साल में लोनिवि की 116 से 230 हो गईं सड़कें

लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत बनाई जाने वाली सड़कों का आंकड़ा कहता है कि 2003 में जिले में लोनिवि की मात्र 116 सड़कें थीं, जिनकी लम्बाई 817.13 किमी थी। लेकिन 2003 के बाद से अब तक जिले में 230 सड़कों का निर्माण हो चुका है, इनकी लम्बाई अब बढकर 2177 किमी हो गई है। जबकि 102 किमी से ज्यादा लंबाई की सड़कों का काम अभी चल रहा है, वहीं 65 किमी से ज्यादा लंबाई की सड़कें वर्ष 2022-23 के बजट में स्वीकृत हैं।

फिलहाल शहर के हालात भी खराबइस सबके बावजूद जिले में अति बारिश और बाढ़ के दौरान खराब हुई अधिकांश सड़कों की मरम्मत तक अभी नहीं हो पाई है। इससे शहर सहित ग्रामीण अंचल के लोग परेशान हैं। शहर में सीवेज लाइन डालने के बाद से सड़कों के धंसकने और लोगों के परेशान होने का सिलसिला अभी भी जारी है। इसमें सुधार की बहुत जरूरत है।

वर्जन…

जिले में सड़कों और पुल-पुलियों के निर्माण में काफी काम हुआ है। विकास सतत प्रक्रिया है, यह काम अभी निरंतर जारी है। जिले के लोगों को आवगमन में किसी तरह की असुविधा न हो, यह प्रयास शासन कर रही है। अतिवृष्टि से खराब हुई सड़कों को सुधारने और फिर से बनाने का काम भी होगा।