Wednesday, September 24

धान के समर्थन मूल्य को नहीं मिल रहा किसानों का समर्थन

विदिशा। जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हो चुकी है, लेकिन धान के समर्थन मूल्य को किसानों का समर्थन नहीं मिल रहा है। जिले में धान खरीदी के लिए नौ केंद्र बनाए गए हैं लेकिन इन केंद्रों में चार केंद्रों पर पांचवें दिन भी कोई पंजीकृ़त किसान अपनी धान बेचने नहीं पहुंचा है। खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है जबकि खरीदी की व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक स्तर पर हर संभव तैयारी की गई है। मालूम हो कि जिले में 28 नवंबर से जिले में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हो चुकी है और यह खरीदी 16 जनवरी 2023 तक चलेगी। इस खरीदी के लिए पूर्व में किसानों के पंजीयन कराए गए थे लेकिन किसानों ने पंजीयन कार्य में भी कोई रुचि नहीं ली और पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब आधे किसानों ने ही पंजीयन कराए। अब जिले में नौ खरीदी केंद्र शुरू भी किए जा चुके लेकिन इन केंद्रों पर पहले की तरह अब किसानों की भीड़ नहीं लग रही। किसान नहीं आने से समर्थन मूल्य खरीदी का उत्साह गायब है। केंद्रों पर कर्मचारियों को किसानों के आने का इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि व्यवस्थाओं में कई कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
पांच दिन में 28 किसानों ने ही बेंची धान
मिली जानकारी के मुताबिक जिले में धान के लिए नौ खरीदी केंद्र बनाए गए जिनमें पांच खरीदी केंद्र खमतला, अहमदपुर, जैतपुरा, शमशाबाद एवं बर्रीघाट केंद्र पर ही धान की खरीदी हो पाई है। इन इन पांच दिन में इन पांच केंद्रों पर कुल 28 किसानों ने ही अपनी 1615 िक्ंवटल धान बेची है। जबकि बासौदा, अटारीखेजड़ा, कुरवाई एवं बंधेरा खरीदी केंद्र पर अभी एक भी किसान समर्थन मूल्य पर अनाज बेचने नहीं पहुंचा है। मालूम हो कि इस बार सामान्य धान का समर्थन मूल्य 2040 रुपए है जबकि गत वर्ष यह दाम 1950 रुपए था। इस वर्ष दाम बढ़ने के बाद भी किसान अपनी धान समर्थन मूल्य पर बेचने में रुचि नहीं दिखा
इस वर्ष सिर्फ 2211 किसानों ने ही कराया पंजीयन

धान खरी दी में इस बार जिले में सिर्फ 2 हजार 211 किसानों ने ही समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है।जबकि पिछलें वर्ष किसानों की संख्या 4 हजार 800 थी। समर्थन मूल्य पर खरीदी के दाम बढ़ने के बाद किसानों ने केंद्रों पर धान बेचना उचित समझा और यह संख्या गत वर्ष की अपेक्षा आधी रह गई और जिन्होंने पंजीयन कराया वे भी धान बेचने में खरीदी केंद्र से दूरियां बनाए हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सरकार ने भी खरीदी लक्ष्य गत वर्ष से कम रखा है। मिली जानकारी के मुताबिक गत वर्ष 13 हजार 715 मैटि्रक टन धान की खरीदी हुई थी जबकि इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य 8000 मैटि्रक टन रखा गया है।

वर्जन
खरीदी केंद्रों पर किसान पूर्व में काफी परेशान हो चुके हैं। कभी लाल धान तो कभी कुछ अन्य कारण बताकर किसानों परेशान किया जाता रहा। धान को सर्वेयर से पास कराना भी आसान नहीं होता। इन सभी िस्थतियों को ध्यान में रखते हुए किसानों ने धान की बैरायटियों में बदलाव किया और किसानों को मंडी में अब धान के 3500 रुपए िक्ंवटल तक दाम मिल रहे ऐसे में समर्थन मूल्य पर अब किसान नहीं पहुंच रहे। केंद्रोंं पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या भी इसलिए कम हुई है।

-मोहरसिंह रघुवंशी, किसान नेता
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खरीदी केंद्रों पर धान बेचने किसान पहुंच रहे हैं। अभी इनकी संख्या ज्यादा नहीं है क्योंकि केंद्रों को शुरू हुए कुछ ही दिन हुए हैं।अगामी दिनों में किसानों की यह संख्या और बढ़ेगी। मंडी में अच्छे दाम मिलने से भी केंद्रों में खरीदी प्रभािवत है।
-रश्मि साहू, जिला खाद्य अधिकारी