Tuesday, September 23

स्वीडन के स्वांते पाबो को चिकित्सा के लिए मिला नोबेल प्राइज

वर्ष 2022 के नोबल प्राइज का ऐलान हो गया है। इस वर्ष स्वीडन के स्वांते पाबो को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। उन्होंने ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए इस सम्मान से नवाजा गया। दरअसल विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित उनकी खोजों के लिए उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया है। बता दें कि, ये पुरस्कार विज्ञान की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। यह स्वीडन के करोलिंस्का संस्थान की नोबेल असेंबली की ओर से प्रदान किया जाता है।

पिछले वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में डेविड जुलियस और आर्डेम पटापुटियन शामिल थे। इनकी खोज मानव शरीर तापमान और स्पर्श को किस तरह से महसूस करता है, इस विषय पर आधारित थी।

नोबल प्राइज में क्या दिया जाता है?
नोबल प्राइज की बात करें तो इसमें एक करोड़ स्वीडीश क्रोनोर भारतीय धनराशि के मुताबिक, करीब 7.31 करोड़ रुपए की नकद राशि प्रदान की जाएगी।

अल्फ्रेड नोबल की वसीयत से दी जाती पुरस्कार की राशि
ये पुरस्कार विजेताओं को 10 दिसंबर को दिया जाएगा। दरअसल यह राशि पुरस्कार की स्थापना करने वाले स्वीडन के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबल की ओर से छोड़ी गई वसीयत से दी जाती है। अल्फ्रेड नोबल की मृत्यु 1895 में हुई थी।

कौन है स्वांते पाबो?
स्वांते पाबो एक स्वीडिश जेनेटिस्ट हैं, जो विकासवादी आनुवंशिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से एक के रूप में उन्होंने निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है।

पुरस्कार की घोषणा करते हुए नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा, ‘अपने अग्रणी शोध के माध्यम से स्वंते पाबो ने कुछ ऐसा किया है जो असंभव सा प्रतीत होता है।

निएंडरथल के जीनोम को अनुक्रमित करना, जो वर्तमान मनुष्यों के विलुप्त रिलेटिव हैं। उन्होंने पहले अज्ञात होमिनिन, डेनिसोवा की सनसनीखेज खोज भी की।’