Wednesday, September 24

5 वीं 8 वीं में अब हर बच्चा नहीं होगा पास, एक मौके के बाद उसी कक्षा में करेंगे पढ़ाई

विदिशा. शिक्षा के अधिकार अधिनियम के लागू हो जाने के बाद से स्कूलों और शिक्षकों के सामने हर बच्चे को पास करने की बाध्यता थी। चाहे बच्चा स्कूल आए, न आए, परीक्षा दे-न दे, उसे पढ़ना-लिखना आए-न आए, सबको पास करना जरूरी था। लेकिन इसके दुष्परिणाम सामने आने पर अधिनियम में संशोधन करना पड़ा और अब यह तय हुआ है कि परीक्षा में तय किए गए अर्हकारी अंक प्राप्त न करने वाले परीक्षार्थियों को एक और परीक्षा का मौका दिया जाएगा, लेकिन उस परीक्षा में भी यदि वे उत्तीर्ण नहीं हो पाते हैं तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।

ऐसे में अब हर छात्र पास हो ही जाए यह जरूरी नहीं। जो छात्र उस कक्षा के स्तर का लिखना-पढ़ना सीख पाएंगे वे ही अगली कक्षा में पहुंच सकेंगे। एक और महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस बार जिले के सभी निजी और सरकारी स्कूलों में प्राथमिक (पांचवीं), पूर्व माध्यमिक (आठवीं) की परीक्षा पूरी तरह बोर्ड से कराई जाएगी, जिले के 58 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। जिले की पांचवीं बोर्ड परीक्षा में इस बार 30 हजार तथा आठवीं बोर्ड की परीक्षा में 28 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इसमें शासकीय और निजी तथा अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के सभी नियमित बच्चे शामिल हैं।

प्री बोर्ड और फिर बोर्ड परीक्षाएं

राज्य शिक्षा केंद्र द्रारा जारी पत्र में कहा गया है कि प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक कक्षाओं की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं मार्च और अप्रेल में आयोजित की जाएंगी। लेकिन इससे पहले इनकी प्री बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में होंगी। सभी परीक्षार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा फीस जमा करना होगी। पांचवी की परीक्षा के लिए 50 रुपए और आठवीं की परीक्षा के लिए 100 रूपए परीक्षा शुल्क तय किया गया है।

इस बार सभी सरकारी और प्रायवेट स्कूलों के पांचवीं-आठवीं के बच्चों की परीक्षा पूरी तरह बोर्ड के अनुसार होंगी। हर बच्चा पास हो जाए अब यह जरूरी नहीं है। फेल होने या पूरक वाले बच्चों को एक मौका और दिया जाएगा, लेकिन फिर भी यदि वे पास होने लायक अंक नहीं ला पाते हैं तो उन्हें उसी कक्षा में ही रोक दिया जाएगा। बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू हो गईं हैं।