Wednesday, September 24

देश के इतिहास की पहली घटना, जज की टिप्पणी पर भड़के वकीलों ने हाईकोर्ट में लगाई आग

जबलपुर। जज की विरोधी टिप्पणी से आहत जिला अदालत के एक वकील ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। इससे आक्रोशित जिला बार एसोसिएशन के वकील मृतक वकील का शव लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। कई अधिवक्ता और जजों के दफ्तर में तोड़फोड़ कर दी। कुछ अधिवक्ताओं के चैंबर में आग तक लगा दी। कई वकीलों का गुस्सा यहीं नहीं रुका, वकीलों ने फायर ब्रिगेड को भी हाईकोर्ट परिसर में घुसने नहीं दिया। उन्होंने सुरक्षाकर्मी और पत्रकारों के साथ भी मारपीट की। शाम तक चले हंगामे को देख क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात क दिया गया था। जबलपुर के न्यायिक इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी घटना बताई जा रही है।

जबलपुर हाईकोर्ट में शुक्रवार को दोपहर उस समय हंगामा हो गया। जब जयप्रकाश नगर आधार ताल में रहने वाले एक वकील ने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वकील का नाम अनुराग साहू बताया जा रहा है। वो थोड़ी देर पहले कोर्ट में जज की टिप्पणी से आहत होकर घर चले गया था। 32 वर्षीय अनुराग साहू जिला बार एसोसिएशन का सदस्य था। वकीलों को जब अनुराग साहू के आत्महत्या करने की सूचना मिली तो भारी संख्या में वकील उनके घर पहुंच गए और शव को लेकर हाईकोर्ट ले आए। इस दौरान कई घंटों तक हाईकोर्ट में अफरा-तफरी का माहौल था। वकील जो भी दिख रहा था उसके साथ मारपीट कर रहे थे। वकील चीफ जस्टिस के कमरे तक भी तोड़फोड़ कर दी।

हंगामा कर लगाया जाम

वकीलों ने हाईकोर्ट के आसपास के इलाकों में भी जमकर हंगामा किया। उन्होंने वहां जाम लगा दिया। काफी देर तक वकील सड़कों पर ही जमे रहे और वहां वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गई। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात हो गया है। खबर लिखे जाने तक कई स्थानों पर वकीलों का हंगामा जारी था।

पुलिस ने वकीलों पर किया लाठीचार्ज

हाईकोर्ट में स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने हंगामा कर रहे वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारी वकीलों ने अधिवक्ता मनीष दत्त के चैंबर समेत दूसरे वकीलों के चैंबर में भी आग लगा दी। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जब वहां पहुंची तो वकीलों ने घुसने नहीं दिया।

पत्रकारों के साथ भी मारपीट

इस हंगामे में कुछ पत्रकार भी वकीलों की मारपीट का शिकार हो गए। हाईकोर्ट पहुंचे एक पत्रकार का मोबाइल तोड़ दिया। उसके पैर में भी लाठी मारी। कवरेज करने गए अन्य पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई।

यह है कारण

सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को रेप के आरोपी पुलिस अफसर संदीप अयाची की जमानत के मामले में सुनवाई हुई थी। इस मामले में वकील अनुराग साहू भी कोर्ट में उपस्थित थे। सुनवाई जज संजय द्विवेदी की कोर्ट में हुई थी। कोर्ट में लगे लेटर बॉक्स में किसी ने इस केस से जुड़े तथ्यों को लेकर चिट्ठी डाल दी। इसकी जांच को लेकर दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई। इस पर जज की ओर से टिप्पणी की गई। इसके बाद एडवोकेट अनुराग साहू खफा होकर घर चले गए और अपने घर में फांसी लगा ली।