Tuesday, September 23

चार माह में ही ग्रामीण परिवहन सेवा का पायलेट प्रोजेक्ट फेल

विदिशा। ग्रामीण क्षेत्र में लोग परिवहन सेवा से वंचित न रहे इसके लिए शासन ने पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस सेवा की शुरूआत विदिशा जिले से कराई थी। जिले में इसकी सफलता के बाद यह सेवा प्रदेश के हर जिले में लागू की जाना है, लेकिन ग्रामीण परिवहन सेवा यहां अपने शुरूआती दौर में दम तोड़ चुकी है। जिले में मई माह में 36 वाहनों से यह सेवा शुरू की गई थी लेकिन अब सड़कों पर इन सभी वाहनों की भागदौड़ थम गई है।ऐसे में अब इस महत्वपूर्ण योजना के मध्यप्रदेश में लागू होने पर संशय है। हालांकि जिला परिवहन विभाग अब बसों के संचालन के लिए नए रूट तलाशने और िस्थति से उबरने का प्रयास कर रहा है।

मालूम हो कि ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य मार्ग पर तो यात्रियों को बस सेवा आसानी से मिल जाती है, लेकिन गांव से मुख्य मार्ग तक की दूरी तय करना व एक गांव से दूसरे गांव जाना ग्रामीणों को आसान नहीं होता। ग्रामीणों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शासन ने ग्रामीण परिवहन सेवा की शुरुआत के लिए विदिशा जिले को चुना था। इसके लिए जिला परिवहन विभाग ने खासी तैयारी भी की थी,लेकिन चार माह में ही यह सेवा बुरी तरह लड़खड़ा गई।

यह मान रहे कारण

मिली जानकारी के अनुसार गांव-गांव में मोटर-सायकलों व ट्रेक्टर-ट्रालियों की उपलब्धता होने से ज्यादातर ग्रामीण इन वाहनों की मदद से ही आवागमन कर रहे। इससे ग्रामीण सेवा के लिए तय किए गए रूटों पर बस सेवा में पर्याप्त यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। इससे आर्थिक नुकसान को ध्यान में रखते हुए वाहन संचालकों ने रूट पर वाहन चलाना बंद कर दिया है। वहीं इस ग्रामीण परिवहन सेवा में कुछ स्कूली वाहन भी शामिल थे। अब स्कूली बच्चों के परिवहन में भी वाहनों की आवश्यकता बढ़ने से यह वाहन वापस स्कूलों की ओर लोटने लगे ग्रामीण सेवा परिवहन के इन रूटों से यह वाहन चलना बंद हो चुके हैं।
अब यह है तैयारीजिला परिवहन विभाग अब नए सिरे से तैयारी कर रहा है अब तक जो रूट बनाए गए थे। उन रूटों पर काफी संभावना थी लेकिन यात्री नहीं मिलने से यह नौबत बनी है। अब नए सिरे से नए रूट तलाशने पर विचार किया जा रहा है, जो वाहन संचालक इस सेवा से जुड़े हैं उनसे संपर्क बना हुआ है। नए रुट की तैयारी के बाद पुन: पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता की तरफ प्रयास शुरू किए जा रहे हैं।
परिवहन सेवा से यह लगा रखी है उम्मीद
छोटे वाहनों को यात्री परिवहन के लिए पहले परमिट नहीं मिलते थे इन्हें इस सेवा में परमिट मिलना संभव हुआ है। ग्रामीणों को परिवहन की सस्ती सुविधा, वाहन संचालकों को रोजगार एवं इन रूटों छोटे-छोटे व्यवसाय बढ़ने की उम्मीद की गई है। वाहन संचालकों को प्रोत्साहन राशि देने का भी प्रावधान था।
जिले में यह थी तैयारी
-जिले में चिन्हित ग्रामीण मार्ग-76

-इन मार्गों की कुल लंबाई-1513 किमी

-गांव जो लाभा न्वित हो सकेंगे-546
-जनसंख्या जिसे मिल सकेगा लाभ-470523

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वर्जन
36 वाहनों से ग्रामीण परिवहन सेवा शुरू की गई थी, लेकिन पर्याप्त यात्री नहीं मिलने से इन रुटों पर बस सेवाएं बंद हो गईं। इस माह एक भी वाहन का परमिट रिन्यु नहीं हुआ है। अब नए रूट तैयार कर प्रयास किया जाएगा।

-गिरिजेश वर्मा, जिला परिवहन, अधिकारी