फर्जी वोटिंग रोकने के लिए चुनाव आयोग की पहल पर वोटर कार्ड (मतदाता परिचय पत्र) को आधार कार्ड से लिंक करने का काम मध्यप्रदेश में तेजी से हो रहा है। प्रदेश ने एक महीने में ही 62.47 फीसदी मतदाताओं के वोटर आइडी को आधार से लिंक कर दिया है। मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे चल रहा है। यहां 5 करोड़ 36 लाख 2 हजार 856 मतदाताओं में से 3 करोड़ 34 लाख 85 हजार 262 के वोटर आइकार्ड को आधार से लिंक किया जा चुका है। हमारे पड़ोसी छत्तीसगढ़ में अब तक 23.67 फीसदी वोटर आइडी ही आधार से जुड़ पाए हैं। गुजरात भी काफी पीछे है।
राज्यों की स्थिति एक नजर-
ये प्रदेश आगे
राजस्थान 60 प्रतिशत
मध्यप्रदेश 62 प्रतिशत
ओडिशा 52.69 प्रतिशत
त्रिपुरा 68.59 प्रतिशत
ये राज्य पिछड़े
केरल 1.46 फीसदी
मिजोरम 1.60 फीसदी
गुजरात 5.60 फीसदी
मणिपुर 11.79 फीसदी
घाटी में काम ही नहीं-
1. जम्मू-कश्मीर में अभी मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक करने का अभी तक शुरू ही नहीं हो सका है।
2. केन्द्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ में सर्वाधिक तो अंडमान निकोबार में सबसे कम काम हुआ है।
3. सर्वाधिक मतदाताओं वाले उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी मतदाताओं को आधार लिंक किया जा चुका है। यहां 15 करोड़ 11 लाख 11 हजार 867 मतदाताओं को आधार लिंक किया जाना है।
यह होगा फायदा
– वोटर आइडी को आधार कार्ड से लिंक करने से एक से अधिक क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के रजिस्ट्रेशन की पहचान होगी।
– इससे एक फोटो-आधारित मतदाता लिस्ट बनाने में मदद मिलेगी। मतदाता अलग-अलग राज्यों में मतदान नहीं कर पाएंगे।
-देश की एक ही मतदाता सूची जारी होगी। मतदाता सूची को लेकर विवाद कम होंगे। सूची में संशोधन भी आसान होगा।
– चुनाव सम्बन्धी सूचना मतदाता को उसके मोबाइल पर दी जा सकेगी।
ऐसे करवा सकते हैं लिंक
दोनों कार्ड लिंक करने के लिए राष्ट्रीय वोटर्स सर्विस पोर्टल (nvsp.in) पर जाना होगा। इसके बाद पोर्टल पर लॉग-इन कर वोटर आइडी खोजने के लिए व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करनी होगी। इपिक नंबर और राज्य की जानकारी डालनी होगाी। आधार की डिटेल डालने के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर या ईमेल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी दर्ज करने के बाद कार्ड लिंक हो जाएगा। ईआरओनेट के तहत सम्बिन्धत एसडीओ कार्यालय में आवेदन देकर वोटर आइकार्ड को आधार से लिंक करवाया जा सकता है।