बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक शख्स द्वारा दायर याचिका पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और अन्य से जवाब मांगा है। जिसमें उस शख्स ने अपनी बेटी की मौत के लिए कोविशील्ड वैक्सीन को दोषी ठहराया और टीका कंपनी से 1,000 करोड़ रुपये के मुआवजे की डिमांड की है। याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स, केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार और भारत के औषधि महानियंत्रक को भी पक्ष बनाया है। बिल गेट्स के फाउंडेशन ने एसआईआई कंपनी के साथ भागीदारी की थी।
इस मामले में 26 अगस्त को जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने याचिका पर सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया था। इस मामले की सुनवाई अब 17 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता दिलीप लुनावत ने दावा किया कि उसकी बेटी स्नेहल लुनावत मेडिकल छात्रा थी और उसे पिछले साल 28 जनवरी को नासिक में अपने कॉलेज में एसआईआई द्वारा तैयार कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड लेने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि वह स्वास्थ्य कार्यकर्ता थी।