बड़वानी/सेंधवा. मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है, वहीं समीपस्थ प्रदेश महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल 2.50 रुपए लीटर सस्ता मिल रहा है। ऐसे में बार्डर के आसपास के जिले वाले वाहन चालक मध्यप्रदेश से पेट्रोल-डीजल खरीदने या भरवाने की अपेक्षा महाराष्ट्र से पेट्रोल-डीजल ले रहे हैं, इससे जहां वाहन चालकों को मोटी रकम का फायदा हो रहा है, वहीं एमपी के पेट्रोल पंप संचालकों को घाटा झेलना पड़ रहा है, क्योंकि वे चाह कर भी कम रेट पर नहीं बेच पाते हैं।
वैट टैक्स कम होने का मिल रहा फायदा
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में वैट टैक्स में काफी अंतर होने के कारण दो राज्यों के बीच पेट्रोल-डीजल के दामों में भी भारी अतंर है, क्योंकि जो लोग प्रतिदिन सैंकड़ों लीटर पेट्रोल-डीजल भरवाते हैं, उनके लिए ये 2.50 रुपए प्रति लीटर कम होना ही काफी फायदेमंद है।
एक वाहन चालक को बचते हैं 1000 रुपए
महाराष्ट्र में पेट्रोल-डीजल के कम दामों का लाभ मध्यप्रदेश के वे वाहन चालक जमकर उठाते हैं, जिनका प्रतिदिन मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र आनाजाना लगा रहता है, ये लोग महाराष्ट्र में ही डीजल लेते हैं, चूंकि एक बड़े बस या ट्रक का टैंक करीब 400 लीटर का होता है, इस कारण उन्हें टैंक फुल कराने पर सीधे 1000 रुपए की बचत होती है।
पेट्रोल-डीजल की होने लगी तस्करी
महाराष्ट्र में एमपी से कम वैट टैक्स होने का फायदा कई वाहन चालक तस्करी करके भी लेते हैं, कुछ वाहन चालक टंकियों में भी महाराष्ट्र से पेट्रोल-डीजल भर लाते हैं, उसे एमपी में बेचते हैं, जिससे उन्हें सीध 1000-500 रुपए की कमाई एक ही दिन में हो जाती है, इसका लाभ कई वाहन चालक लेते हैं। लेकिन इसका सीधा प्रभाव सीमावर्ती पेट्रोल पंप संचालकों पर पड़ रहा है। उन्हें इस कारण काफी नुकसान झेलना पड़ता है। क्योंकि अधिकतर कार व बाइक चालक भी सीमा से जुड़े पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरवा लाते हैं।
इंदौर के वाहन चालकों को भी फायदा
इंदौर से मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई शहरों में प्रतिदिन हजारों ट्रक परिवहन करते हैं। इंदौर सहित सेंधवा, धामनोद, खरगोन, बड़वानी आदि नगरों से महाराष्ट्र जाने वाले ट्रक सिर्फ उतना ही ईंधन भरवाते है, जिससे वह महाराष्ट्र तक पहुंच सकें। बाकी ईंधन महाराष्ट्र के पेट्रोल पंपों से भरवाते है। अनुमान के मुताबिक एक बार टैंक फुल करने पर ट्रक ऑपरेटर को करीब 1000 रुपए तक बचत हो जाती है। यही स्थिति इंदौर से मुंबई, पुना, नासिक जाने वाली यात्री बसों की भी है। यदि एक माह में एक वाहन औसतन 5 बार महाराष्ट्र जाता है, तो 5 हजार रुपए महीना बचत मायने रखती है। जिन व्यापारियों का महाराष्ट्र आना जाना अधिक है। उन्होंने भी एमपी से डीजल भरवाना कम कर दिया है, जिससे पंप संचालकों का करोड़ों का टर्नओवर प्रभावित हो रहा है।
सैकड़ों लीटर कम हो गई ईंधन की बिक्री
ईंधन के दाम के भी अंतर बढऩे से पंप संचालकों को दो तरफा परेशानी झेलना पड़ रही है। एक तरफ पेट्रोल और डीजल की बिक्री कम हो गई है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में डीजल के दामों में 2.50 रुपए के अंतर भी नुकसान का कारण बन रहा है। पंप संचालक भूषण जैन ने बताया कि गवाड़ी स्थित हमारे पंप से मात्र कुछ किमी दूर महाराष्ट्र के डीजल के दाम में करीब 2.50 रुपए के अंतर है। इस कारण ईंधन की बिक्री पर फर्फ पड़ रहा है।