Wednesday, September 24

उद्धव-शिंदे गुट की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, कल सुबह फिर आमने-सामने होंगे दोनों पक्ष

देश की शीर्ष कोर्ट ने आज (3 अगस्त) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता याचिका समेत उद्धव-शिंदे गुट की याचिकाओं पर सुनवाई की। इसमें शिवसेना विधायकों की अयोग्यता कार्यवाही, स्पीकर का चुनाव, पार्टी व्हिप की मान्यता, महाराष्ट्र विधानसभा में हुए शिंदे सरकार का फ्लोर टेस्ट और ‘असली शिवसेना’ को लेकर चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई कार्यवाही से संबंधित याचिकाएं शामिल है।

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के सियासी घमसान से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कल सुबह (4 अगस्त) तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने कहा कि कल सबसे पहले इसी केस पर सुनवाई की जाएगी। अब चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमणा, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगी। आज सुनवाई के दौरान दोनों गुटों के वकीलो ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की।

उद्धव खेमे का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि आज भी शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं। शिंदे को नई पार्टी बनानी होगी, या किसी अन्य पार्टी के साथ अपने खेमे का विलय करना होगा। हालांकि शिंदे गुट की तरफ से पेश हुए दिग्गज वकील हरीश साल्वे ने सिब्बल के तर्क को ख़ारिज करते हुए कहा कि दलबदल विरोधी कानून लोकतंत्र को नहीं बदल सकता है। आज शिवसेना बदल गई है यह उसमें विवाद जारी है।

सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही के खिलाफ दाखिल की गई उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर भी आज सुनवाई की। दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने खुद को असली शिवसेना के तौर पर मान्यता दिए जाने का चुनाव आयोग से अनुरोध किया है। जिसके बाद आयोग ने दोनों पक्षों से अपना दावा साबित करने के सबूत मांगे थे। फिर शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

देश की शीर्ष कोर्ट ने बीते महीने महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर बड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि शिवसेना और उसके बागी विधायकों द्वारा दायर याचिकाओं ने एक राजनीतिक दल के विभाजन, विलय, दलबदल और अयोग्यता सहित कई संवैधानिक मुद्दों को उठाया है, जिस पर एक बड़ी बेंच द्वारा विचार किए जाने की आवश्यकता हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अभी विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक संकट से जुड़ी छह याचिकाएं लंबित हैं। इन याचिकाओं में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिंदे गुट और बीजेपी के गठबंधन को आमंत्रित करने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के 30 जून के फैसले को और उसके बाद विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट को भी चुनौती दी गई है।