Tuesday, September 23

PM मोदी ने Ease of justice पर दिया जोर, कहा- ईज ऑफ बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग की तरह ये भी जरूरी

शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में ऑल इंडिया डिस्ट्रिक लीगल सर्विसेज अथॉरिटी मीट का उद्घाटन सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी और केन्द्रीय कानून मंत्री किरेण रिजिजू और सीजेआई रमण भी शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी ने इज ऑफ जस्टिस के महत्व पर प्रकाश डाला है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समाज के लिए न्यायिक व्यवस्था जितनी जरूरी है उतना ही जरूरी उस तक पहुँच भी है। इसलिए न्यायिक व्यवस्था में बुनियादी सुधार के लिए कई अहम कदम उठाए गए हैं जिनमें से एक e-Courts Mission भी है।

ईज ऑफ जस्टिस जरूरी है
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का है। ये समय उन संकल्पों का है जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृत यात्रा में ईज ऑफ बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग की तरह ईज ऑफ जस्टिस भी उतना ही जरूरी है।”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नैशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी और सभी डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज ईज ऑफ जस्टिस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।”

पीएम मोदी का कहना है कि समाज में न्यायिक सिस्टम तक पहुँच के साथ जल्द से जल्द न्याय की डिलीवेरी हो ये काफी आवश्यक है। ऐसे में पिछले 8 वर्षों में न्यायिक व्यवस्था के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए तेज गति से काम हुआ है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार पर काम
इस दौरान पीएम मोदी ने e-Courts Mission का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि e-Courts Mission के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू किया जा रहा है। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से जुड़े अपराधों के लिए 24 घंटे तक चलने वाले कोर्ट ने अपना काम भी शुरू कर दिया है और जल्द ही लोगों की सुविधा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी विस्तार किया जा रहा है।