Thursday, September 25

संत विजय दास आत्मदाह मामले की उच्च स्तरीय जांच कराएगी सरकार, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

जयपुर। भरतपुर में अवैध खनन से नाराज होकर आत्मदाह करने वाले संत विजय दास का शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया। सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और बी डी कल्ला उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए तो वहीं देर रात सरकार ने भी संत विजय दास आत्मदाह मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देर रात ट्वीट करते हुए इस मामले की जांच प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी से करवाने के साथ ही उनके परिजनों को 5 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा भी की है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि संत विजय बाबा का निधन बेहद दुखद है, हमने उन्हें बचाने की हर संभव प्रयास किए और उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि मुझे दुख है कि जब सरकार ने उनकी मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी तो उन्हें किन परिस्थितियों में ही दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाना पड़ा। इस घटना की जांच प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी से करवाने का निर्णय लिया गया है

संत के आत्मदाह के बाद निशाने पर रही सरकार
वहीं अवैध खनन से नाराज संत के द्वारा आत्मदाह करने के बाद इस मामले पर सियासी बयानबाजी में जमकर हुई। विपक्ष ने इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अवैध खनन के खिलाफ संत लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया।

वही सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक वाजिब अली ने भी इसके लिए जिला प्रशासन का फेलियर बताया। वाजिब अली ने कहा कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने गंभीर लापरवाही बरती है। जब साधु संतों ने जिला प्रशासन को अवैध खनन को लेकर सूचित कर दिया तो फिर उनकी मांग को क्यों नहीं सुना गया। वाजिब अली ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग सरकार से की थी।

गौरतलब है कि भरतपुर में अवैध खनन से नाराज होकर संत विजय दास ने आत्मदाह कर लिया था, जहां उन्हें पहले जयपुर रैफर किया गया था और उसके बाद उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए रैफर कर दिया गया था, जहां पर शुक्रवार रात उनका निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर शनिवार को मथुरा के बरसाना स्थित माता गौशाला में अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया था और वहीं पर उनका अंतिम संस्कार भी किया गया।