Thursday, September 25

खिलखिला उठी सतपुड़ा की वादियां, हरियाली से भरी, तहलटी में छलक उठा जलाशय

सतपुड़ा की श्रेणियों पर उतरते बादल। दूर तलक तक धंूध में सिमटी हरियाली और इसकी तलहटी में विशाल दर्पण सा फैला ताल। आदिवासी अंचल भगवानपुरा में प्रकृति के यह खूबसूरत नजारे इन दिनों देजला-देवाड़ा जलाशय के आसपास मन और आंखों को सुकून दे रहे हैं। मेघों की बरसने के बाद जलाशयल लबालब भर कर छलकने लगा है। आसपास फैली हरियाली इस ताल की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। प्ऱकृति की इस अनुपम तस्वीर को निहारने के लिए इन दिनों लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के सब इंजीनियर बद्रीलाल रावत ने बताया गुरुवार रात में बांध ओवरफ्लो होकर स्पेल से बहने लगा है। बांध की जलसंग्रहण क्षमता 50.29 क्यूबिक मीटर है। यह 625 हेक्टेयर में फैला है। 335.40 वर्ग किमी से कैचमेंट एरिया में पानी आता है। इसके पानी से 47 गांवों की 9 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। बीते साल यह बांध 28-29 अगस्त की रात ओवरफ़्लो हुआ था, लेकिन इस बार एक माह पूर्व ही यह स्थिति बनी है। स्पेल से गिरता पानी बांध की खूबसूरती बढ़ा रहा है।

जो तालाब बीते साल सूखे वह भी लबालब
बिते साल जिले में बारिश सामान्य से कम हुई। लिहाजा 80 प्रतिशत तालाब सूखे रहे गए। इसका असर फसलों पर भी पड़ा। अपेक्षा अनुरूप किसानों को खेती से लाभ नहीं हुआ। लेकिन इस बार बारिश ऐसी हुई कि भूमिगत जल स्तर भी बढ़ गया है। बीते साल की तुलना जलाशयों व जल स्त्रोतों में समय से पहले पानी आ गया है। तालाब लबालब भर गए हैं।
हुई पूर्ति, लहलहाई फसलें
झमाझम बारिश के बाद खेतों में जल की पूर्ति हो गई है। समय पर बारिश होने से फसलें भी ग्रोथ कर रही है। खासकर कपास की उपज बेहतर है। किसानों को उम्मीद है कि आवक का सूखा इस बार टल जाएगा। फसलें अच्छी उपज देगी और किसानों के लिए यह अच्छी खबर है।