भोपाल। खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर बहने वाली ताप्ती नदी अब उतार पर है, हालांकि निचले इलाके अब भी जल मग्न हैं। बुधवार से लगातार तवा डैम का पानी छोड़े जाने के कारण गुरुवार को सुबह से ही नर्मदा का जल स्तर और बढ़ने लगा है। इधर, बरगी और बारना डैम से पानी छोड़ दिया जाएगा तो नर्मदा खतरे के निशान को पार कर जाएगी। प्रशासन ने निचले इलाकों को पहले से ही अलर्ट कर रखा है। इधर, भोपाल में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। प्रशासन हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
बुरहानपुर में भारी बारिश की चेतावनी के बीच स्कूल की छुट्टियां घोषित की गई थी, लेकिन राहत की बात यह रही कि दिनभर बादल तो छाए रहे, लेकिन बरसे नहीं। कुछ देर के लिए जरूर बूंदाबांदी का दौर चला। बारिश से कुछ राहत मिलने के बाद ताप्ती का जल स्तर भी कम हो गया। हालांकि अब भी घाटों के मंदिर जलमग्न हैं, लेकिन जो बाढ़ गई, वह पूरी गाद छोड़ गई, जो अब आवागमन में बाधा बनी है।
पिछले कुछ दिनों से ताप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। ताप्ती नदी खतरे के निशान से आठ मीटर उपर बह रही थी, लेकिन देर रात ताप्ती का जलस्तर कम होने लगा और गेट से पानी नदी की ओर लौट गया। ताप्ती खतरे के निशान से ऊपर बहती रही। बुधवार को खासी राहत देखने को मिली। राजघाट गेट से 10 मीटर नीचे तक पानी उतर गयाए लेकिन घाटों पर कीचड़ होने की वजह से बुरहानपुर से जैनाबाद की ओर जाने वाले छोटे पुल से आवागमन मुश्किल हो गया है। अभी भी यहां पर पुलिस बल तैनात है। अब गुरुवार को सुबह के ताजा हालात यह हैं कि जल स्तर कम हो रहा है तो गाद नजर आने लगी है। नदी के भीतर के मंदिर अब भी जल मग्न हैं।
वर्तमान 219.800 पर जल स्तर
ताप्ती का जल स्तर सोमवार को 228 मीटर पर था, जो दो दिन में बुधवार तक 218.800 तक आ गया। ताप्ती जल आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक यह स्थित दोपहर 4 बजे की है। बारिश थमने के बाद अब लगातार जल स्तर उतर रहा है। हालांकि ताप्ती के सभी घाट अब भी जल मग्न है।
पिछले 24 घंटे में एक इंच बारिश, अब तक 537 एमएम दर्ज
जिले में 1 जून से अब तक 537.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। जबकि पिछले 24 घंटे में शहर में 25 एमएम याने एक इंच के करीब बारिश दर्ज की गई। नेपानगर में 17 मिमी, खकनार में 40 मिमी बारिश हुई है।
सुखतवा और केसला पुल में कटाव, डर-डरकर निकाल रहे वाहन चालक
इटारसी से खबर है कि यहां लगातार हो रही बारिश के कारण नेशनल हाइवे लगातार बधित हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में सुखतवा और केसला नदी पर बने पुल में आए कटाव से यातायात रात में बंद कर दिया गया था। एक तो घना जंगल, रात का अंधेरा और इसके बाद भारी बारिश के बीच लंबी कतार में पुल खुलने का इंतजार कर रहे वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तमाम परेशानी के बाद भी पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई अधिकारियों ने इसकी सुध नहीं ली। एक बार रिपेयर करने के बाद से दोबारा पानी आ जाने से इन नदियों से आवागमन रोक दिया जाता है। कई लोगों को इटारसी से सिवनी मालवा होते हुए बैतूल और नागपुर जाना पड़ रहा है। वहीं कुछ लोग नर्मदापुरम से सीधे छिंदवाड़ा के रास्ते नागपुर जा रहे हैं।
वाहन चालकों की मुसीबत
एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की लापरवाही से भोपाल से इटारसी, बैतूल होकर नागुपर जाने वाले नेशनल हाइवे पर वाहन चालकों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। सुखतवा और केसला नदी पर बने पुल में कटाव आने से पिछले एक सप्ताह में यह मार्ग तीन बार बाधित हो चुका, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लगने के साथ ही चालकों को मार्ग खुलने का जंगल में घंटों इंतजार करना पड़ा। ऐसे में वाहन चालकों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा।
लगातार बढ़ रहा है नर्मदा का जल स्तर
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी नर्मदा नदी का जल स्तर लगातार बारिश और तवा डैम के गेट खोलने से बढ़ रहा है। तवा डैम के पांच गेट लगातार खोले जा रहे हैं, इसका पानी भी नर्मदा में मिल जाता है। सेठानी घाट का जल स्तर 942.30 पर पहुंच गया है। इसके अलावा तवा बांध का जल स्तर 1165 फीट है। जबलपुर के पास बरगी बांध का जल स्तर 413.75 मीटर है। यह बांध भी जल्द ही भरने वाला है। इसके साथ ही बारना बांध 345.86 मीटर पर पहुंच गया है। यह सभी बांध एक साथ खोल दिए जाते हैं तो नर्मदा में बाढ़ आ जाती है। होशंगाबाद आसपास से घिर जाता है, निचले इलाके और कई गांव जल मग्न हो जाते हैं।