Saturday, September 27

आज से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर हंगामे के आसार

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र अगले महीने 12 अगस्त तक चलेगा। इस बार संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार जताए जा रहे हैं। विपक्ष ने अग्निपथ, महंगाई, बेरोजगारी और नुपुर शर्मा जैसे अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। वहीं, संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया है। संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में चर्चा एवं पारित करने के लिये दो दर्जन नये विधेयक पेश करेगी।

12 अगस्त तक चलेगा सत्र
लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, 17वीं लोकसभा का नौंवा सत्र आज से शुरू होगा और इसके 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। वहीं, राज्यसभा सचिवालय के बुलेटिन में कहा गया है कि राज्यसभा का 257वां सत्र आज शुरू हो रहा है।

यह मानसून सत्र क्यों है खास
संसद का यह मानसून सत्र खास रहने वाला है क्योंकि आज ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान है। मानसून सत्र में 18 जुलाई से 12 अगस्त के बीच कुल 17 कार्यदिवस पड़ रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में चर्चा एवं पारित करने के लिये दो दर्जन नये विधेयक पेश करेगी। इनमें संसदीय समिति के समक्ष विचार के लिए भेजे गए 4 विधेयक शामिल हैं।

कई मुद्दों पर हंगामा होने के आसार
संसद के मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। कांग्रेस प्रवर्तन निदेशालय की ओर से राहुल गांधी से पूछताछ, महंगाई, बेरोजगारी और अन्य अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेर सकती है। इसके अलावा विपक्ष अग्निपथ, नुपुर शर्मा, ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग सहित कई अहम मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। बता दें कि सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सपा, बसपा, टीआरएस, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, नेशनल कांफ्रेंस, एआईएमआईएम और शिवसेना सहित कई विपक्षी पार्टियां शामिल नहीं हुई।

सरकार ने बुलाई गई थी सर्वदलीय बैठक
मानसून सत्र को लेकर सरकार की ओर से रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए है। सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया। बैठक में पीएम मोदी हिस्सा नहीं लेने पर विपक्ष ने ऐतराज जताया। विपक्षी नेताओं का कहना था कि पीएम मोदी को इस बैठक की अगुवाई करनी चाहिए थी।