मंडला. कुछ दिनों से कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश के बाद किसानों के खेत धान के लिए तैयार हो गए हैं। हालांकि ज्यादातर स्थानों में मोटर पंप के माध्यम से पानी की पूर्ति कर रहे हैं। एक सप्ताह बाद सावन माह लग जाएगा। खेती में पिछड़े ना इसलिए किसान अब जल्द से जल्द बोवनी करना चाह रहे हैं। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक धान की 25 प्रतिशत बोवनी हो गई। वहीं मक्का की बुवाई 50 प्रतिशत से अधिक पहुंच गई है। गौरतलब है कि किसानों ने अपने-अपने खेतों में धान रोपने के लिए बारिश के पहले से ही बंड बनाकर तैयार कर लिया था। तीन दिन पहले बारिश शुरू होते ही धान के पौधे रोपने के पहले ट्रैक्टर से खेत की मिट्टी को मचाकर तैयार कर लिया। इसके बाद धान के पौधों की रोपाई शुरू कर दी है। नारा, गंगौरा, भपसा, हिरदेनगर, करियागांव आदि के किसानो ने बताया कि धान की बोवनी पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। आज से चार-पांच साल पहले किसानों का रुझान सोयाबीन पर ही था, लेकिन पीला मोजक बीमारी एवं अन्य कारणों से सोयाबीन की पैदावार लगभग शून्य हो गई थी। इस वजह से किसानों ने सोयाबीन का विकल्प, कोदो कुटकी, मक्के और धान के रूप में लेना प्रारंभ कर दिया है।कोदो कुटकी जुलाई के अंतिम दिनो से शुरू होगी। वहीं अरहर 16 तो ज्वार की 10 प्रतिशत बोवनी कर ली गई है। किसानो को अभी भी बारिश का इंतजार है। कई स्थानाें में कम बारिश के कारण खेत सूखे पड़े हैं। जहां सिंचाई का साधन है वहां किसान दिन रात पंप चलाकर खेत भरने में लगे हुए है। ताकि रोपा का कार्य अच्छी तरह से हो सके।