Thursday, October 2

विदिशा तक पहुंची एक बार फिर कोरोना की दहशत

विदिशा। जिले से सटे रायसेन और भोपाल में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। 2 जुलाई को भोपाल में 154 और रायसेन में 16 एक्टिव केस मिले थे। हालांकि विदिशा अभी सुरक्षित है लेकिन कोरोना की दहशत जिले तक फिर पहुंच चुकी है। हमारा जिला सुरक्षित जरूर है लेकिन सावधानी अभी भी जरूरी है। इधर नए शिक्षा सत्र के शुरू होते ही स्कूलों में पढ़ाई भी चालू हो गई है। बच्चे भी स्कूल जा रहे हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि अभी तक 60 हजार स्कूली बच्चों को एक भी टीका नहीं लगा।

अगर कोरोना विदिशा तक आता है तो टीकाकरण से वंचित इन बच्चों को खतरा ज्यादा रहेगा। जिले में 12 से 14 साल में 64 हजार और 15 से 17 वर्ष वाले 94 हजार विद्यार्थी हैं। अभी तक 60 हजार विद्यार्थी टीकाकरण से वंचित हैं। इन बच्चों को टीका शीघ्र लगना जरूरी है। इस कार्य में शिक्षा विभाग ने शुरुआती दौर में रुचि दिखाई लेकिन विभाग के सहयोग के बिना यह कार्य अब तक पिछड़ा है। बच्चों को सुरक्षित करने के लिए टीकाकरण अभियान फिर से एक बार चलाने की जरूरत है।

विशेष अभियान चलाने की जरूरत: कोरोना का नाम सहज ही सिहरन पैदा करने वाला है। इसकी भयावहता का अहसास जिला कर चुका है, लेकिन अब यह किसी भी हाल में जिले में प्रवेश न कर पाए ऐसा सभी चाहेंगे और अब तक जिला अपनी इस समझ के चलते सुरक्षित भी है पर कोरोना जिले से ज्यादा दूर नहीं है। समीप जिला रायसेन सिर्फ 30 किमी दूर है और भोपाल भी ज्यादा दूर नहीं है।

भोपाल में केस बढ़ने लगे हैं। इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए कोई ठोस प्रयास शासन स्तर पर नहीं दिख रहे हैं। टीकाकरण से वंचित लोगों को टीका लगाने के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चल रहा, यहां तक नगरीय निकाय चुनाव के चलते भी ऐसी कोई सावधानी बरतने के लिए लोगों को सजग नहीं किया जा रहा है।

एक से 30 जून तक लगाए 15000 टीके
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक विभाग के कर्मचारी अपने स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ताओं के साथ गांव-गांव व घर-घर भ्रमण कर टीका से वंचित लोगों का टीकाकरण कर रहे हैं। 1 जून से 30 जून तक करीब 15 हजार लोगों को उनके घर पहुंचकर टीके लगाए हैं, और यह अभियान सतत जारी है।

स्कूलों के शिक्षक और अभिभावक भी इस कार्य में आगे आएं तो काफी स्कूली बच्चों का भी टीकाकरण शीघ्रता से किया जाना संभव हो सकेगा। वहीं प्रीकॉशन डोज से भी 18 से 59 वर्ष के हितग्राही वंचित हैं। शासन के नियमानुसार इन्हें प्राइवेट में यह डोज लगवाना है। शासन स्तर पर 60 प्लस में यह डोज लगाए जा रहे हैं।
टीम तैयार है, नई गाइडलाइन का इंतजार
कोरोना से बचाव की हमारी तैयारी पूरी है। टीम भी तैयार है। जिला अस्पताल में सैंपलिंग भी की जा रही है। नई गाइडलाइन आना है। कोरोना से बचाव और वैक्सीनेशन के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
– एपी सिंह, सीएमएचओ
टीके पर्याप्त, प्लानिंग अधूरी
अन्य आयुवर्ग के लोगों को भी टीके लगना बाकी हैं। जिले में 1 लाख से अधिक लोग हैं जिनका पूरा वैक्सीनेशन नहीं हो पाया। किसी को पहला, तो किसी को दूसरा, तो किसी को तीसरा डोज लगना बाकी है। 1 लाख 18 हजार वैक्सीन स्टॉक में है। 48 हजार वैक्सीन ऐसी है जो जुलाई माह में एक्सपायरी के दायरे में आ जाएगी।
70 हजार डोज अगस्त माह में एक्सपायरी की कगार पर हैं। टीके पर्याप्त हैं। टीके लगवाने वाले भी हितग्राही भी पर्याप्त हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास अमला भी पर्याप्त और क्षमता भी है, लेकिन जिला स्तर पर अन्य विभागों के साथ संयुक्त प्लानिंग नहीं बन पा रही और यह कार्य पिछड़ रहा है।