जयपुर। राजस्थान की राज्यपाल मारग्रेट अल्वा ने चुनाव आयोग की सख्ती पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसने लोकतंत्र के उत्सव को शोक सभा में बदल दिया है। नए-नए नियम आने से चुनाव प्रचार करना मुश्किल हो गया है। उम्मीदवार का आधा समय खर्च जोडऩे के लिए फाइनेंस मैनेजर व डीएम ऑफिस में ही निकल जाता है। आयोग एक-एक पैसे का हिसाब मांगता है। उन्होंने कहा कि मेरे पास एक शिकायत आई, जिसमें तमिलनाडु से होलसेल में आठ रूपए में खरीदी टीशर्ट का मूल्य चुनाव आयोग 40 रूपए जोड़ता है। अरे इतनी भी महंगाई नहीं हुई। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राज्यपाल ने कहा कि मेरा राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। निजी कंपाउंड में पोस्टर लगाने को भी आयोग गलत बताता है। ऐसे में जो नए चेहरे हैं जनता उसे कैसे पहचानेगी। मतदाताओं को जानना चाहिए कि उनका उम्मीदवार कौन है। मतदाताओं को भी अपने जनप्रतिनिधियों की निगरानी करनी चाहिए।