विदिशा। जिले में बारिश को बोवनी के लिए पर्याप्त मानते हुए किसान बोवनी कार्य में लग गए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में यह कार्य तेजी से जारी है। कृषि विभाग का मानना है कि दिन के अलावा रात में भी बोवनी कार्य चल रहा है और इसी गति में बोवनी कार्य हुआ तो एक सप्ताह में जिले में बोवनी का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
मालूम हो कि जिले में इस बार खरीफ का रकबा 5 लाख 27 हजार हैक्टेयर है। इसमें 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा प्रस्तावित है। सोयाबीन के किसान पहले ही खेत तैयार कर चुके थे और खाद-बीज की व्यवस्था के साथ ही पिछले कुछ दिनों में हुई अच्छी बारिश को पर्याप्त मानते हुए किसान बोवनी कार्य में जुट गए हैं। किसानों का कहना है कि कई क्षेत्रों में बोवनी की आवश्यकतानुसार 4 से 5 इंच तक पानी गिर चुका इसलिए किसान बोवनी कार्य कर रहे हैं।
ग्राम अमऊखेड़ी के किसान संदीप रघुवंशी के मुताबिक वे अपनी 125 बीघा जमीन में बोवनी का कार्य कर चुके।
इन क्षेत्रों में दिन के अलावा रात में भी बोवनी
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में ग्राम अमउखेड़ी, कोलिंजा, हिनौतिया, दीताखेड़ी, कोठीचार खुर्द, सांकलखेड़ा कला, कनारी, कागपुर, देवखजूरी आदि गांव में बोवनी का लगभग कार्य हो चुका और किसान दिन के अलावा रात 11 बजे तक बोवनी का कार्य कर रहे हैं। इसी तरह ग्राम हरऊखेड़ी के किसान गोविंदसिंह राजपूत के मुताबिक बोवनी का कार्य शुरू हो चुका है। हरुखेड़ी सहित ग्राम गजार, मूंडरा पड़रिया, लश्करपुर आदि क्षेत्र में किसान बोवनी का कार्य कर रहे हैं। वहीं कुछ किसान खेतों की हकाई भी कर रहे।
धान की रौपाई में वक्त, सीड डि्रल से बोवनी जारी
इधर धान की रौपाई में अभी कुछ समय का और इंतजार है। किसान रौपे लगा चुके लेकिन अभी रोपाई में वक्त है। जबकि अन्य किसान सीड डि्रल से धान की बोवनी कार्य शुरू कर चुके हे। ग्राम परसपरसोरा के किसान बलवीरसिंह रघुवंशी ने बताया कि धान के रौपे अभी छोटे हैं। जबकि अन्य किसान सीड डि्रल से धान की बोवनी कर रहे हैं। धान में करीब 80 प्रतिशत बोवनी सीड डि्रल से होती है जबकि रौपे की बोवनी 20 प्रतिशत ही रहती है। रौपे अभी छोटे है और चुनाव के बाद भी मजदूर मिलेंगे इसलिए धान की रौपाई के कार्य में अभी वक्त है।
अभी और बारिश का इंतजार
वहीं बोवनी कार्य के लिए कुछ क्षेत्रों में अभी और बारिश होने का इंतजार किया जा रहा है। ग्राम लोदाखेड़ी के किसान राजकुमार बघेल के मुताबिक उनके क्षेत्र लोदाखेड़ी सहित गंगरबाड़ा, खामखेड़ा, सलैया, बाला बरखेड़ा, बर्रो, खजूरी, बमोरा, करैयाहाट आदि क्षेत्रों में अभी जमीन की हकाई का कार्य चल रहा है। खेत तैयार है और बारिश होते किसान इस क्षेत्र में बोवनी का कार्य शुरू करेंगे। कुछ किसान और बारिश का इंतजार इसलिए भी कर रहे कि सोयाबीन बीज महंगा है और बोवनी के बाद अगर बारिश कुछ दिनों तक रुकी रही तो फसल में समस्या आ जाएगी।
बीज परीक्षण जरूर करें, दुकानों से लें पक्का बिल
वहीं कृषि उपसंचालक पीके चौकसे का कहना है कि उन्होंने भ्रमण में पाया है कि बोवनी कार्य तेज गति से चल रहा है। बोवनी की यही गति रही तो एक सप्ताह में यह कार्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि बोवनी से पहले बीज परीक्षण जरूर करेंं और जो भी बीज जहां से खरीदें उसका पक्का बिल किसान जरूर लें।
कुल प्रस्तावित रकबा 5 लाख 27 हजार
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में खरीफ का कुल प्रस्तावित रकबा 5 लाख 27 हजार है। इसमें सोयाबीन का रकबा 250000 हैक्टेयर है वहीं धान का 70000 एवं उड़द का 170000 हैक्टेयर है। शेष रकबा जुवार, मक्का, बाजरा, मूंग, मूंगफल, तिल, मक्का आदि फसल का रहेगा।