Friday, September 26

क्या है अग्निपथ योजना और क्यों हो रहा इसका विरोध, इन पॉइंट्स में समझे सब कुछ

सरकार ने 14 जून को अग्नीपथ योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इसमें 4 साल में युवाओं की सशस्त्र बलों में भर्ती होगी। योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ का सम्मान दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना की घोषणा करने के बाद से ही पूरे देश में विरोध का माहौल है। देश के अलग-अलग राज्यों में इस योजना के खिलाफ असंतोष जताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में ही कई जगह अग्नीपथ योजना के विरोध में लोग सामने आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि क्या है यह योजना और क्यों इसे लेकर पूरे देश में अशांति का माहौल बना हुआ है।

युवा कर रहे योजना का विरोधयुवा वर्ग इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सेना में शामिल होने की तैयरियां कर रहे युवाओं का दावा है कि वे वर्षों से मेहनत कर सेना भर्ती में शामिल होने का सपना देखते हैं। ऐसे में 4 वर्ष की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं। प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने सरकार से इस योजना को वापस लेने की अपील की है।

क्या है अग्निपथ योजनाअग्नीपथ योजना के तहत इस साल 46 युवाओं को सशस्त्र बल में शामिल किया जाना है। युवाओं की भर्ती 4 साल के लिए होगी और उन्हें अग्निवीर कहा जाएगा। यह 30,000 से 40,000 प्रति माह का वेतन मिलेगा और उनकी उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी। इस योजना का अर्थ यह भी है कि भर्ती हुए 25 फ़ीसदी युवाओं को आगे सेना में मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।

अग्निपथ योजना पर दो सामान जाए

अग्निपथ योजना पर दो समान राय देखने को मिल रही है। दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर ने अग्नीपथ योजना को युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर बताया है। सेना उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और प्रतिभा के आधार पर कौशल प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 4 साल बाद जहां 25 फीसदी उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर सेना में शामिल किया जाएगा, वहीं 75 फीसदी को कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा ताकि उन्हें अपनी योग्यता के अनुसार सरकारी या निजी नौकरी मिल सके।