भोपाल। सुल्तानिया अस्पताल में बुधवार को टीका लगाने के बाद पांच नवजात की तबीयत बिगड़ गई। एक नवजात ने दम तोड़ दिया। मंगलवार रात ही बच्चे का जन्म हुआ था। बुधवार सुबह करीब 11 बजे बच्चे की मौत से गुस्साए परिजन ने अस्पताल में हंगामा किया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बच्चे की मौत टीके से नहीं, बल्कि सांस नली में दूध अटकने से हुई है। जानकारी के मुताबिक बुधवार को 31 बच्चों को बीसीजी का टीका लगाया गया। इसके बाद कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान जहांगीराबाद की रहने वाली आयशा बी के बच्चे की मौत हो गई।
आरोप: बच्चे का शरीर पड़ गया था नीला
परिजन का आरोप है कि बच्चे को गलत तरीके से या एक्सपायरी डेट का टीका लगाने से मौत हुई है। पिता अनस ने कहा कि मौत के बाद बच्चे का शरीर नीला पड़ गया था।
अस्पताल में 2 दिन पहले भी मरीज से मिलने ना देने के नाम पर परिजन और गार्डों में विवाद हुआ था। गार्डो ने कुछ परिजन की पिटाई भी कर दी थी।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बीसीजी टीका सबसे सुरक्षित माना जाता है। अगर टीके में गड़बड़ी होती तो सभी बच्चों की तबीयत बिगड़ती। जो बच्चे कमला नेहरू भेजे गए वे कमजोर थे। आयशा बी का बच्चा भी जन्म के बाद कमजोर था, जिसकी जांच शिशु रोग विशेषज्ञ ने की थी।
– डॉ. विजय कुमार नंदमेर
अधीक्षक, सुल्तानिया